November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

कविता

क्रूर-निर्दयी से मर्माहतबार-बार पिस-पिस के,अंधियारे की बांहों मेंचांदनी कसमसा सिसके,रातों पर नागिन बयार केजहर...