March 26, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मंगल के भण्डारे लखनऊ में

श्री हनुमान जी की कृपा से आज
यह अति पावन शुभ कार्य हो रहा है,
उनकी दया है हम पर, उनके भंडारे
की ख़ातिर धन दान में आ रहा है।

बढ़ चढ़ के भक्त जनता आर्थिक
सहयोग को आगे आगे आ रही है,
जितनी पड़े ज़रूरत, देना हे ईश्वर,
तेरी कृपा हम पर बौछार हो रही है।

तुम्हारी ही मर्ज़ी से प्यारे हनुमत,
सुंदरकांड का सतत पाठ हो रहा है,
मंगलवार का दिन मंगलमय और
भक्तों के लिये भक्तिमय हो रहा है।

हर वर्ष जेठ के हर मंगल को हम
बड़ा मंगल कह कर मंदिरों में जाते,
हलुआ चना व पूड़ी का भोग लगाते,
तेरी कृपा से ही पावन प्रसाद खाते।

हनुमान चालीसा सत बार पढ़ रहे हैं,
बजरंग बाण का भी पाठ कर रहे हैं,
दीन दयाल विरुद संभारी,
हरहु नाथ मम संकट भारी।

बजरंगी तेरी महिमा श्रीराम ही जाने,
तेरा गुणगान सब देवता कर रहे हैं,
भा गये प्रभू को लक्ष्मण प्राण बचाके,
सीता सुधि लाये, लंका को जलाके।

बच्चे व बूढ़े सब जन मारुतिनंदन
तुम्हारा ही तो गुणगान गा रहे हैं,
आदित्य ढोल मंजीरा झाँझ बजाकर
आरती कीजै हनुमान लला गा रहे हैं।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’