कविता

आस्था, विश्वास व सूर्यदेव की उपासना का वृतपर्व छठपूजा

छठिमैया मोरी विनती बारम्बार,स्वीकारौ अर्ध्य हमार।छठिमैया बड़का परब बरत पूजा बा,यामे कौनो पंडित नाहीं,कोउ नाहीं पूजारी,सूरज देवता अर्ध्य लेवत हैं,डूबत…

3 weeks ago

परिवार से जुड़ाव

शब्द व व्यवहार ही मनुष्यकी असली पहचान होते हैं,चेहरा व ऐश्वर्य तो आज हैं,शायद कल नहीं रह पाते हैं। तकलीफ़ें…

3 weeks ago

आइये! कुछ दीप जलाएं

जगमग ज्योतिजलें दीपोत्सव में,कुछ दिये जलाइयेउनके निमित्त भी,हो गये शहीद जोभारत की सीमा पर,उनके नाम भी आइयेकुछ दिये जलाइये। ये…

4 weeks ago

प्रेम सुधा लक्ष्मी हर घर बरसे

समय बीत जाता है यादें रह जाती हैं,कहानी ख़त्म, निशानी रह जाती है,रिश्ते बने रहते होंठों की हँसी बनकर,या कभी…

4 weeks ago

चौथा स्तम्भ-कितना सक्षम

कौन सच्चा कौन झूठा, क्यालिखकर बतला पाऊँगा ?ख्याल आता है कभी, क्याबहती गंगा में हाथ धो पाऊँगा? परंतु जब ख़याल…

4 weeks ago

हँसते रिश्ते व आत्म सुख

खुल कर हँसना, आत्म- सुकून दे,मन में मन हँसना दिल को सुकून दे,प्रेम सदा हँसता मुस्कुराता जीवन दे,प्रेम सुखी जीवन…

1 month ago

ज्ञान और विज्ञान

अनुचित स्पर्धा की चाहत भीलोगों की नक़ल कराती है,औरों की कृतियाँ, अंदाज,तरीक़ा भी औरों का अपनाती है। अपना कहने की…

1 month ago

असमंजस और अहंकार

ज़िन्दगी असमंजस से भरी,जो चाहते वो मिलता नहीं,जो मिले उससे संतोष नहीं,उम्मीद कभी पूरी होती नहीं। उम्मीदों का है फ़साना,शब्दों…

1 month ago

पुण्य भारी पड़ रहा है

पुण्य भारी पड़ रहा है कहा किसी ने,यह प्रतिक्रिया मुझे दी एक मित्र ने,स्वास्थ्य तो शरीर का देखा जाता है,मन:स्थिति…

1 month ago

पार्थ, रहना सजग

युद्ध जीत भी जाना तोहे पार्थ, तुम रहना सजग।धृतराष्ट्र सदा ही आयेंगे,गले लगाने तुमको पग-पग। है युगों युगों का सत्य…

1 month ago