October 14, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

स्त्री सुरक्षा एवं अपराधी

झारखण्ड व हरियाणा में महिला
पुलिस की खबर है कि
अराजक तत्वों ने चेकिंग के
दौरान हत्या कर डाली,
समाचारों में स्त्रियों व छोटी
छोटी बच्चियों के प्रति
आपराधिक घटनाओं से कोई
दिन नहीं जाता है ख़ाली।

अभी कुछ रोज़ पहले झारखण्ड
में ही हिंदू बन कर,
महिला को प्रेम जाल में फँसा
कर धर्म परिवर्तन का,
दबाव बनाया व विरोध करने
पर हत्या कर डाली,
व मृत शरीर को विकृत
करके लाश भी जला डाली।

प्रसिद्ध खिलाड़ी सोनाली
फोगाट की भी उनके
साथ के लोंगों ने ही ज़हर
देकर हत्या कर डाली,
खबरों के अनुसार सारे देश
में हो रही हैं अक्सर ऐसी
घटनायें समाज को विकृत
करने व दिल दहलाने वाली।

माता सीता का जन्म हुआ
था जिस धरती पर,
सीताएँ लहुलोहान हैं,
उसी पुण्य धरती पर।
नारी शक्ति अब तो जागो,
कब तक अत्याचार सहोगी,
दुर्गा चण्डी, कालरात्रि या,
महिस मर्दिनी नहीं बनोगी?

महिलाओं को समर्पित है
यह एक छोटा सा पद्य,
सारे देश में शासन व
प्रशासन है पूर्ण पस्त,
जिससे महिलायें और
बच्चियाँ हैं पूर्ण तृस्त,
दुराचारी हत्या जैसे
अपराधों में हैं मदमस्त।

दरिंदों के विरुद्ध लड़कियों
को गुर सिखाना होगा,
नारी सुरक्षा के लिए हर
किसी को आगे आना होगा,
स्त्री, पुरुष, युवा वर्ग व
भारत का जनमानस समस्त,
विरोध कर इन दरिन्दों का
करना होगा जीवन अस्त।

लड़कियों को आज वह
सब गुर सिखाने होंगे,
जिससे अब वह अपनी
रक्षा स्वयं कर सकें,
अपराधी तत्वों से वे डट
कर मुक़ाबला कर सकें,
वे सभी इतनी साहसी व
मजबूत भी बन सकें ।

“अबला जीवन हाय
तुम्हारी यही कहानी,
आँचल में है दूध और
आँखों में पानी।”
वाली कमजोर छवि से
बाहर निकल कर
माता सीता के तेज को
धारण करना होगा।

“तृण धरि ओट कहति वैदेही।
सुमिरि अवधपति परम सनेही॥”

आज के रावण रूपी
दानव उस तृण से,
जलने से भयाक्रान्त
होकर कंपकंपायें।
नारी की नज़रों में वह
ज्वाला भरनी होगी,
दुराचारी रूह जलने
के डर से कांप जायें।

ध्यान रहें कवि कर्नल आदिशंकर
मिश्र ‘आदित्य’ की ये पंक्तियाँ :

लूटता है अगर इज़्ज़त कोई
तो अपमान हम सबका है,
लुटी यदि कोई बेटी किसी की,
लुटता सम्मान हम सबका है।
इंसान हो इंसान तो बनो पहले,
मजहब की बाँते बाद में करिये,
ये वतन भारतवर्ष हम सबका है,
दानवों दरिंदों से एक हो लड़िये।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’ ‎