कविता

हिन्दी: नारे व स्वतंत्रता संग्राम

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन केप्रमुख वचन व नारों में हिंदी थी,स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी के नारोंकी अत्यंत विशिष्ट भूमिका थी। स्वतंत्रता…

17 hours ago

कविता अनुपस्थिति में उपस्थिति है: डॉ. सुधाकर

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। नागरी प्रचारिणी सभागार में मंगलवार को युग द्रष्टा जनवादी कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की जयंती पर…

4 days ago

जीवन की वास्तविकता!

प्रकृति की ख़ूबसूरती पेड़ पौधों,उनके पल्लव पुष्पों से दिखती है,इन्सानी ख़ूबसूरती वैसे ही उनकेविचार व्यवहार पर निर्भर करती है। नीचा…

1 week ago

हाथी जैसी चाल चल रहा तन्त्र

ऑफिस में आओ मिलो आकर,काम सही हो जाएगा मिलकर,बस एक इशारा वो देते हैं फिर,जेब गर्म उनकी कर दो जाकर।…

2 weeks ago

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम: योगेश्वर श्री कृष्ण

अच्युतम केशवम, कृष्ण दामोदरम,रामनारायणम, जानकीवल्लभम,राम जन्में थे त्रेता में दशरथ के घर,कृष्ण जन्मे थे द्वापर में कारागार में। राम का…

2 weeks ago

घोर कलियुग है भाई

स्थानीय समाचार पत्रों का समाचारमन को कितना विचलित कर देता है,ऐसा लगता है, घोर कलियुग है, भाईभाई, मित्र मित्र की…

3 weeks ago

और जब मरो तो मर कर जियो

प्रथम से लेकर अंतिम साँस तक,मानव जीवन की वास्तविकता है,इन साँसों को जी भर कर जियो,और जब मरो तो मर…

3 weeks ago

“मनीषा की अरदास”

मत रो माँ, अब मत रो,तेरी बेटी की आवाज़ हम सब हैं,न्याय की राह पर चल पड़े,अब जाग उठा हर…

4 weeks ago

“ना बहन रोए, ना बहू”

रिश्तों में मोहब्बत का दिया जलना चाहिए,ना बहन रोए, ना बहू को तन्हा रहना चाहिए। जिस घर में बेटियों को…

1 month ago

प्रकृति की नाराज़गी हैं भयंकर…!

नाराज़ प्रकृति की नाराज़गी हैं भयंकर,स्वार्थवश संसाधनों का 'दोहन' निरंतर।प्रकृति-मानव का संबंध सदियों पुराना,ऊपर उठाया लाभ चुरा लिया खजाना।पिघल रहे…

1 month ago