बिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज।नई सदी ये कर रही, जाने कैसी खोज॥...
कविता
धरा पर नीम के वृक्ष काटे जा रहे हैंदिलों में कड़वाहट बढती जा रही...
यह संसार मनुष्य की कर्मभूमि व भोगभूमि दोनों है,मनुष्य के कर्मफल का भण्डार अक्षय...
कोई व्यक्ति अपने मस्तिष्क मेंबिल्कुल स्पष्ट विचार रखता है,उसका अचार व्यवहार हमेशा,पूर्ण संतुलित, सकारात्मक...
महाभारत हो रहा फिर से अविराम।आओ मेरे कृष्णा, आओ मेरे श्याम॥ शकुनि चालें चल...
हमारे माता-पिता, पति-पत्नी,पुत्र-पुत्री, मित्र, सगे सम्बन्धी,क्या वास्तव में ये जीवनसाथी हैं,नहीं, जीवनसाथी तो शरीर...
हिसार (राष्ट्र की परम्परा)बस दिल से सच्चा हिंदुस्तानी बन।आये देश के काम वह जवानी...
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह के अवसर...
हम भारत देश के सैनिक हैं,जमीन का महत्व व फौजी कासाहस कभी कम नहीं...
वादा करो कि बेलन का उपयोगचपाती बनाने के लिये ही करोगी,वादा दिवस, पति देव...
मथुरा(राष्ट्र की परम्परा)निधिवन की लताओं में,बसते हैं श्याम मेरे lइसकी रज को माथे पर...
चार प्रकार के जीव संत बतलाते हैं,इन चारों के लिए चार प्रकार के हीव्यवहार...
हिसार(राष्ट्र की परम्परा)बात एक ही यूँ सदा, कहता है गणतंत्र।बने रहे वो मूल्य सब,...
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय।टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी...
राष्ट्रीय हो या फिर अंतर्राष्ट्रीय,बालिका दिवस अवश्य मनायें,बालिकाओं को पैदा तो होने दें,उन्हें माँ...