ईश्वर से आपकी ख़ुशी मागते हैं,
दुवाओं में आपकी हँसी मागते हैं,
उसकी जगह आपसे क्या माँगूं,
यारों उम्रभर की चाहत माँगते हैं।
दोस्ती, प्यार व मोहब्बत बनी रहे,
हम अजनबी रहे होंगे जब मिले थे,
पहली बार जिन्दगी के सफर में,
इन यादों को मिटा नहीं सकते।
हमसफ़र थे, हम सब आज भी हैं,
आपको याद करूँ फितरत हमारी,
तो वादा है हम भी साथ हैं आपके,
आपको कभी भुला नहीं सकते।
कभी हँस कर, कभी खेल कर,
कभी लड़ कर, कभी दौड़ कर,
साथ यह बिताया है दोस्ती कर,
एक दूसरे को सहा समझ कर।
आदित्य मित्र के दुःख में दुःखी,
मित्र के सुख में शामिल हो ख़ुशी,
मित्र की ज़रूरत में जो काम आये,
सच्चा मित्र संसार में होता है वही।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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