
जब जब तिरंगा लहराएगा
सिर गर्व से उठ जायेगा,
संघर्ष, बलिदान और समर्पण की गाथा
हर घर में गाया जायेगा।
संविधान की महिमा बढ़ेगी
फैलेगी प्यार, समरसता और शांति,
सशक्त बनेगा हर एक नागरिक
गणतंत्रता की नई पहचान बनेगी।
देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता की
रक्षा करना हमारा धर्म है,
न भूलेंगे सेनानियों की कुर्बानियां
हमारा मार्ग भी कुछ ऐसा ही प्रशस्त है।
आइए, निभा लें हम अपनी भी जिम्मेदारी
बनकर एक तिनका नीड़ का,
दे जाए अपना भी योगदान
कहलाए हम भी वंशज किसी वीर का।
More Stories
STET अभ्यर्थियों का डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन, पुलिस ने संभाला मोर्चा
राजगीर रोपवे 19 अगस्त को रहेगा बंद, 20 अगस्त से फिर शुरू हो सकती है सेवा
जमीन विवाद में किसान की गला रेतकर हत्या, पत्नी और दामाद पर आरोप