बहराइच/ (राष्ट्र की परम्मपरा) शासन के निर्देश पर प्रत्येक थानों पर होने वाले थाना दिवससे लोगों का धीरे-धीरे होता जा रहा मोहभंग उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद भी शिकायतकर्ता को नहीं मिल पा रही न्याय! जिससे जमीनी मामलों का निस्तारण ना हो पाने से धीरे-धीरे मामला उग्र रूप ले लेता है परंतु जिम्मेदार विभाग को मिलने वाला प्रार्थना पत्र वर्षों सफर करता रहता है,
जिसका उदाहरण अजीत शुक्ला पयागपुर का है जिन्होंने पयागपुर के गाटा संख्या 2035 के संबंध में हल्का लेखपाल द्वारा स्पष्ट आख्या उप जिला अधिकारी को 16,8 ,2030 को प्रेषित किया था जिस पर विभाग के सभी अधिकारी परीक्षणो उपरांत नायब तहसीलदार पयागपुर को प्रति प्रेषित किया गया जिस पर नायब तहसीलदार, ने 23 /12/ 20 23 को ही राजस्व निरीक्षक व पुलिस फोर्स के साथ मामले का निस्तारण करा कर आख्या मांगी गई थी लेकिन आज तक उच्च अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ जिससे पीड़ित को आज तक न्याय नहीं मिला है पीड़ित वर्षों से भटक रहा है!
इसी प्रकार छोटे-मोटे विवाद का निस्तारण न होने के कारण कभी-कभी बड़ा रूप ले लेता जिसको लेकर प्रशासन की गली की हड्डी बन जाता है
केस नंबर दो,थवई निपानिया कुटी पर ग्राम प्रधान जबरन कूड़ा घर बनाए जाने की शिकायत कर चुके भोला बाबा को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है, जो न्याय के लिए दर-दर भटक रहा
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