May 23, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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शतचंडी महायज्ञ में आयोजित तुला दान रहा आकर्षक का केंद्र

सिक्के से हुआ एक दम्पति की तौल, बना चर्चा का विषय

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। सदर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत बागापार टोला बरईठवां में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में तुला दान का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम पंचायत के कई लोगों ने तुला दान कराया लेकिन सिक्के से हुए एक दम्पति की तौल चर्चा का विषय बना हुआ है। बताते चलें कि ग्राम पंचायत बागापार टोला बरईठवां निवासी परीखन वर्मा द्वारा शतचंडी महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ एक तुला दान किया गया जिसमें कुल बीस हजार रुपए के सिक्के से तौल कराकर दान किया गया।
दान के समय तुला दान के बारे में जानकारी देते हुए पंडित कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने कहा कि भगवान विष्णु के कहने पर ब्रह्मा जी ने तीर्थों का महत्व तय करने के लिए तुला दान करवाया था। हालांकि इसके पीछे भगवान कृष्ण की एक कथा भी आती है। कहते हैं कि एक बार सत्यभामा ने भगवान श्रीकृष्ण पर अपना एकाधिकार जमाने के लिए महर्षि नारद को दान में दे दिया। जब नारद मुनि भगवान कृष्ण को ले जाने लगे तो सत्यभामा को अपनी इस भूल का अहसास हुआ।तब उन्होंने दुबारा भगवान कृष्ण को पाने का उपाय पूछा तो नारद मुनि ने उन्हें भगवान कृष्ण का तुला दान करने को कहा, इसके बाद तराजू में एक तरफ भगवान श्रीकृष्ण और दूसरी तरफ स्वर्ण मुद्राएं, गहने, अन्न आदि रखा गया लेकिन भगवान कृष्ण का पलड़ा नहीं ​उठा। इसके बाद रुक्मणी ने सत्यभामा को दान वाले पलड़े में एक तुलसी पत्र रखने को कहा, सत्यभामा ने जैसे ही तुलसी का पत्ता रखा दान वाला पलड़ा भगवान श्रीकृष्ण के पलड़े के बराबर हो गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने तुला दान को महादान बताया जिसके करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।