Friday, October 31, 2025
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मदद एक ऐसा परमार्थ

सुयोग्य व अच्छे मित्रों का होना भी
शायद बहुत बड़ा सौभाग्य होता है,
बहुत कम लोगों के हाथ में ऐसी रेखा
होती है जिन्हें ऐसा सन्मित्र मिलता है।

जिस बात से सारी महफ़िल मुस्कुराये,
वही बात सबसे अधिक ख़ूबसूरत है,
यह ख़ूबसूरती इंसान को ख़ुशी देती है,
भले इंसान को इंसान से मिलाती है।

मानसून का शाब्दिक अर्थ है कि न
किसी की मान और न किसी की सुन,
झमाझम बरसात में मस्ती से भीग
और मस्ती से सराबोर होकर झूम।

ख़ुशी के लिये वही करना जो ख़ुशी दे,
उसके साथ ज़रूर रहना जो हँसी दे,
जब तलक चलती है साँस, हसते रहो,
जब तक जियो सबसे प्रेम कर जियो।

हम जैसी सोच रखते हैं वैसा ही बर्ताव,
हमारे साथ प्रकृति द्वारा भी होता है,
अच्छा सोचेंगे,आत्म विश्वास के साथ,
सोचेंगे सबकुछ सकारात्मक होता है।

जो इंसान दिल के नेक होते हैं,
वो हज़ारों लाखों में एक होते हैं,
इंसान सब कुछ नक़ल कर सकता है,
पर उसकी क़िस्मत नहीं बन सकता है।

किसी की सहायता करना बहुत
ही मानवता पूर्ण भावना होती है,
समय पर किसी की मदद करना
उसकी ज़रूरत पूरी कर देती है।

पर यह एक ऐसा परमार्थ होता है
जिसे ले करके भुला दिया जाता है
और आदित्य सहायता न की जाय
तो इंसान हमेशा ही याद रखता है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

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