सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
जीवन की संध्या बेला में जहां किसी मां को अपने बच्चों का सहारा मिलना चाहिए, वहीं सलेमपुर नगर की 67 वर्षीय माधुरी देवी ने आज न्याय और सुरक्षा की आस में दर-दर भटक रही हैं।
माधुरी देवी ने अपने ही सगे बेटे पर उत्पीड़न, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है। वे कहती हैं कि कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे वे भय और असुरक्षा के बीच जीवन बिता रही हैं।
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक देवरिया, अपर पुलिस अधीक्षक (ASP), क्षेत्राधिकारी सलेमपुर और तहसील प्रशासन को 5, 7, 10 और 21 जुलाई 2025 को क्रमशः प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला।
उनका दर्द छलकते हुए कहती हैं —
“मैं अब हर रोज डर में जी रही हूं। अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपनी जान दे दूंगी। अब मेरे पास न कोई सहारा बचा है, न उम्मीद।”
माधुरी देवी ने बताया कि उनके पति की नगर में कपड़ों की दुकान थी, जिसे वे अपने बेटों के साथ मिलकर चलाते थे। पति के निधन के बाद बड़े बेटे ने दुकान का मालिकाना हक अपने नाम कर लिया और यह वादा किया कि वह पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाएगा। लेकिन समय बीतने के साथ हालात उलट गए — बड़े बेटे ने अपने छोटे भाई को साथ रखा और बाकी दो भाइयों के साथ ही मां माधुरी देवी को भी घर और दुकान से अलग कर दिया।
अब हालात यह हैं कि बुजुर्ग मां को अपने खर्च के लिए पैसे तक नहीं दिए जाते, दवा और भोजन तक से रोक दी गई है। माधुरी देवी ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो बेटों ने गाली-गलौज और मारपीट की कोशिश की।
पड़ोसी भी विवाद में पक्ष लेकर माहौल बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकरण में उन्होंने सलेमपुर कोतवाली, तहसील दिवस और जिला प्रशासन सभी जगह गुहार लगाई, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिली।
अब यह वृद्धा अपनी सुरक्षा और सम्मान की लड़ाई अकेले लड़ रही है।
उनकी आखिरी उम्मीद अब पुलिस प्रशासन से है —
“मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि मुझे इंसाफ मिले और मेरे साथ इज्जत से जीने का हक छीना न जाए।”
