पर्यावरण में मौजूद हानिकारक रसायनो से बचाव के लिए रासायनिक सेंसर डिवाइस पर करेंगे शोध
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आलोक कुमार सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण में मौजूद हानिकारक रसायनो से बचाव के लिए रासायनिक सेंसर डिवाइस पर तीन वर्षो तक शोध कार्य के लिए 15.36 लाख की शोध परियोजना को स्वीकृति प्रदान की हैI
इस संबंध में डॉ. आलोक कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश, भारत में सबसे अधिक आबादी वाले और औद्योगिक रूप से सक्रिय राज्यों में से एक होने के नाते, महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करता है। पीपीबी-पीपीएम स्तर पर सल्फेट, नाइट्रेट, क्लोराइड जैसे आयनों की निगरानी करने से पर्यावरणीय स्वास्थ्य का आकलन करने और प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलती है और यह सुनिश्चित होता है कि पीने के पानी की गुणवत्ता सुरक्षा मानकों को पूरा करती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा होती है। सल्फेट और क्लोराइड जैसे आयन, जब अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं, तो मिट्टी की उर्वरता और फसल की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। उद्योग में, कुछ आयनों का उच्च स्तर उपकरणों के क्षरण का कारण बन सकता है, उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
डॉ. सिंह का कहना है कि कुल मिलाकर पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने, औद्योगिक प्रक्रियाओं का समर्थन करने और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में नियमों का अनुपालन करने के लिए पीपीबी-पीपीएम स्तर पर आयनों की मॉनिटरिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपर्युक्त चुनौतियों एवं भारत सरकार के बहु आयामी दृष्टिकोण “स्वच्छ भारत अभियान”, और “मेक इन इंडिया” की पहल पर उपर्युक्त डिवाइस को सस्ता, आसानी से प्रयोग हेतु आम जनमानस के लिए तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।
डॉ आलोक कुमार सिंह इस शोध परियोजना पर एमएमयूटी के प्रसिद्ध रसायनज्ञ प्रो. राजेश कुमार यादव के साथ करेंगे। ज्ञातव्य है कि डॉ. आलोक कुमार सिंह इससे पहले भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली द्वारा प्रदत्त दो मेगा शोध परियोजनाए एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त एक मेगा शोध परियोजना का कुशल संचालन कर चुके हैं I
अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए डॉ. आलोक कुमार सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली द्वारा प्रतिष्ठित यंग साइंटिस्ट अवार्ड एवं इंस्पायर फैकल्टी अवार्ड उनके उच्च गुणवत्ता के शोध कार्य के लिए मिल चुका हैंI
डॉ. सिंह की इस उपलब्धि पर गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी एवं विश्वद्यालय के शिक्षकों व प्रभादेवीं स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रमोद त्रिपाठी, विजय कुमार राय, पीडी लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. रमेश कुमार, डॉ. केएम त्रिपाठी, रवि प्रताप सिंह सहित अनेक शुभचिंतकों ने बधाई दी हैं।
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