प्राचीन शिव मंदिर बौद्ध कालीन काल से जुड़ा हुआ है।भगवान बुद्ध की बुआ यहां निवास करती थी।
रोहिन नदी से गंगा जल लेकर बोलबम नारे के साथ शिव-भक्त करेंगे जलाभिषेक
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।
श्रावण मास के पहले दिन सोमवार से ही शिवभक्त विकास खण्ड सदर क्षेत्र के ग्राम सभा कटहरा स्थित प्राचीन शिव मन्दिर पर पहुंचकर बोल बम नारे के साथ रोहिनी नदी से गंगा जल लेकर जलाभिषेक करेंगे। साथ ही मंदिर परिसर के बगल में बने हवन कुण्ड में कपूर अगरबत्ती जलाकर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से मन्नतें मांगेंगे। साथ ही अपने व्यवस्था अनुसार दान पुण्य कर भगवान शिव को भांग धतूर , बेल-पत्र , पुष्प, दूध व गंगा जल चढ़ाकर जलाभिषेक करेंगे बगल में बने हवन कुण्ड में कपूर अगरबत्ती जलाकर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की साथ ही अपने व्यवस्था अनुसार मंदिर में दान पुण्य करते नजर आयेंगे। महिलाओं एवं पुरुषों को जल चढ़ाने के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है । मंदिर परिसर में मिठाईयां खिलौने एवं श्रृंगार के दुकानों से भक्त खरीदारियां करते नजर आए साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कोतवाली पुलिस महिला एवं पुरुषों की तैनाती रहेगा। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सजग होकर जगह- जगह सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहेंगे। बौद्ध कालीन प्राचीन शिव मंदिर घने जंगल के बीच में बसा है।यह मंदिर सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के पकड़ी वन रेंज में स्थित है। पहले यह खंडहर के रूप में था। आगे चलकर कुछ लोग यहां आकर बस गए। खंडहर के बीच में एक प्राचीन शिव का मंदिर था। मंदिर के कुछ दूरी पर एक राजा का दरबार था। राजा के दरबार से शिव मंदिर तक सुरंग था। सुरंग के जरिए ही राजा और रानी शिव मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन करते थे।धीरे- धीरे मंदिर से इतने प्रभावित हुए कि लोग यहीं पर झोपड़ी डालकर रहने लगे। उसके बाद कई साधू महात्मा ने मन्दिर पर रहकर अपना सेवा प्रदान किया। कटहरा शिव मंदिर बौद्धकालिन काल से जुड़ा हुआ है जो भगवान बुद्ध के ननिहाल के रूप में दर्शाता है। भगवान बुद्ध की बुआ महामाया निवास करती थी। वह सर्वाधिक शिव भक्त थी। कटहरा से कुछ दूरी पर आज भी रामग्राम में पुराने किले के रुप पड़े खंडहर को देखा जा सकता है। बताया जाता है कि भगवान बुद्ध की बुआ महामाया जब भी दरबार आती थी तो एक सुरंग के जरिए कटहरा शिव मन्दिर में पूजा अर्चना करती थी। यही सिलसिला आज भी लोगों द्वारा कामयाब है यहां शिवरात्रि व श्रावण माह मे विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे आस-पास व दूर दूर के श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए आते है तथा पूजा अर्चना के साथ साथ विशाल मेले मे मन पसंद समान की खरीदारी करते दिखाई देते हैं।श्रावण मास में मेले को लेकर स्थानीय कोतवाली पुलिस व बागापार चौकी पुलिस मय फोर्स के साथ सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह चाक चौबंद व्यवस्था बनाए हुए हैं। इस दौरान समिति अध्यक्ष सोमनाथ सिंह, ग्राम प्रधान कमलेश सिंह ,जमुना चौहान महेन्द्र साहनी,मिथलेश सिंह रामभजन यादव, , जनार्दन साहनी,गोरख चौहान,गोविंद चौधरी, गोलू यादव, जितेंद्र यादव,विन्ध्यांचल यादव ,चंद्रभान यादव,जय सिंह, पप्पू सिंह,जगदीश साहनी , सतपाल चौहान, संगम गुप्ता,बैजनाथ मौर्य, आदि लोगों की प्रमुख योगदान रहेगा।
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