मेरी रचना, मेरी कविता
पहले आप पहले आप भूल गये——XXXXX——बुत पत्थरों की भाँति ख़ामोश हैं,आज लोगों के रिश्ते और सम्बंध,पहले आप पहले आप भूल गए हम,पहले कौन पहले कौन ही भरा दंभ। मैं मुसीबत…
पहले आप पहले आप भूल गये——XXXXX——बुत पत्थरों की भाँति ख़ामोश हैं,आज लोगों के रिश्ते और सम्बंध,पहले आप पहले आप भूल गए हम,पहले कौन पहले कौन ही भरा दंभ। मैं मुसीबत…
एक सपना जो कभी हक़ीक़त होगा——XXXXX——सपने मे मैंने मृत्यु को करीब से देखा,कफ़न ओढ़ा अपना तन जलते देखा,लोग खड़े हाथ बांधे एक पंक्ति जैसे,कुछ उदास व कुछ दिखे परेशान से।…
चुनौती भरा इंसानी जीवन——XXXXX——नफरत को हजार मौके देने चाहियेकि वो प्रेम में परिवर्तित हो जाये,लेकिन प्रेम को एक भी मौका नहींदेना कि प्रेम नफरत में बदल जाये। वक्त बहुमूल्य चीज़…
मेरी रचना-मेरी कविता सत्य बोलना हमेशा लाभप्रद होता है,सत्य वचन याद नहीं रखना होता है,सत्य सदा सरल व निष्छल होता है,हाँ, पर सत्य अक्सर कड़वा होता है। स्वप्न में दिखी…
दूरियों से रिश्ते कहीं समाप्त नहीं हुआ करते——XXXXX——दूरियों से रिश्ते कहीं समाप्त नहींहुआ करते और ज़्यादा नज़दीकीहोने से भी रिश्ते बना नहीं करते हैं,पक्के रिश्ते विश्वास से ही बनते हैं।…
इंसान की शक्ल सूरत का क्या——XXXXX——हर इंसान दूसरे इंसान के लिये शायदअच्छा भी और बुरा भी हो सकता है,पर यह निश्चित है कि हर इंसान मेंस्वयं कुछ अच्छा तो कुछ…
पिता की उम्मीद उसकी संतानें हैं,वही पिता की हिम्मत, विश्वास हैं,पिता दिखते सख्त अंदर से नर्म हैंहृदयंगम रखते वे कई एक मर्म हैं। संतान का संघर्ष पिता का हौसला,झंझावाती आंधियों…
मेरी रचना, मेरी कविता मनुष्य जीवन लाखों जन्म के भोगोंके बाद ही बड़े भाग्य से मिलता है,यह जीवन जीना आसान नहीं होता है,परिस्थिति से सामना करना होता है। आत्मबल, मन…
कबूतर ने गुंटरगूं करते हुएनए वर्ष की आहट दी।चंहचहाती हुई चिड़ियों नेमुंडेर पर आकरघोंसले में बैठे हुएनन्हीं सी जान के लिएदानों की हिफाजत की।बेरोजगारों ने नौकरियों के लिएनेटवर्क तलाशेविद्यार्थियों ने…
दिसंबर कीइस अंतिम शाम ने पूछाक्या बात हैइतने उदास क्यों हो!लेखा जोखा हैहमारे पासगुजरे हुए साल कातीन सौ पैंसठ दिनों काउनमें भी चौबीस घंटे काचौबीस घंटों में एक एक मिनट…
राम रहीम फिर बाँटते,खैराती आशीष।मंन्त्री जी है ले रहे,झुका झुका कर शीश।।1।। संत बलात्कारी रहा,कोर्ट चले तारीख।जनता सब कुछ भूलकर,फिरे निपोरे खींस।।2।। भारत कैसा देश है,कैसे कैसे लोग।मुफ्त मुफ्त खा…
जिनके सच्चे प्यार ने, भर दी मन की थोथ ।उनके जीवन में रहा, हर दिन करवा चौथ ।।●हम ये सीखें चाँद से, होता है क्या प्यार ।कुछ कमियों के दाग…
भगत सिंह, सुखदेव क्यों, खो बैठे पहचान।पूछ रही माँ भारती, तुम से हिंदुस्तान।। भगत सिंह, आज़ाद ने, फूंका था शंख नाद।आज़ादी जिनसे मिले, रखो हमेशा याद।। बोलो सौरभ क्यों नहीं,…