वक्त का बदलता मिज़ाज है
इंसान को अक्ल और गलतियाँहमेशा डराने का काम करती हैं,अक्सर अपनी अक्ल और दूसरों कीगलती हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं। स्वयं को संभालने के लिए मस्तिष्कका उपयोग करें, दूसरे को…
इंसान को अक्ल और गलतियाँहमेशा डराने का काम करती हैं,अक्सर अपनी अक्ल और दूसरों कीगलती हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं। स्वयं को संभालने के लिए मस्तिष्कका उपयोग करें, दूसरे को…
1- ज़रूरत है कुछ और बदलने की एक तो वैसे ही बेरोजगारी थी,कोरोना वाइरस ने और बढ़ा दी है,सरकारें बड़े भाव खा रही हैं,बड़े उद्योगपति मालामाल हो रहे हैं,युवक युवतियाँ…
माया मोह से मन को हटा लो,सुधार लो जीवन धीरे धीरे। ज़िन्दगी बीत रही है पल पल,उम्र हमारी ढलती प्रतिपल,चौबीस घंटे धीरे धीरे,माया मोह से मन को हटा लो,सुधार लो…
कविता दुनिया वालों संभल जाओ,क़यामत आने वाली है,अपराधों से करो तौबा,मुसीबत बढ़ने वाली है। दुशवारियाँ करी पैदाजो औरों को सताओगे,पलट कर वार झेलोगे,ख़ुदा की मार खाओगे। डरो अंजामें क़ुदरत से,उसे…
अपनी प्यारी मातृभाषा हिंदी केआलिंगन से हम दूर चले आये हैं।इसके मूल रूप से बहकते हुये,अंग्रेज़ी के प्रभाव में भरमाये हैं । इतनी सुंदर देवनागरी लिपि कोछोड़ रोमन में लिखना…
आँखों में पानी भरे जनता भूखी आज,सूखी है धरती, कहीं वर्षा लाई बाढ़,कोई चारा चर रहा बेंच रहा कोई खेत,डाकू घूमे हर शहर धर नेता का बेश। इंटरनेट भी कर…
छिति, जल, पावक, गगन, समीर,पाँच तत्व मिल बना अग़म शरीर,सत, रज, तम गुण मानव तन के,मन रहता इनसे ही अति अधीर । गीता ज्ञान यही देता है, क़र्म योगकर देता…
हे नेता जी यह बतला दो,मैं मतदाता हूँ तो पूँछ रहा,भूखे को रोटी मिल जाये,बहुत पुण्य का काम है यह।पर इसी क्षेत्र में आज हज़ारों,वोटर क्यों भूखे सो जाते हैं…
हाँ घर एक मंदिर होता है,बड़े बुजुर्ग सब ये कहते हैं,घर की बुनियादें गहरी होती,पर दीवारें तो ऊँची होती हैं। हो वास्तु परक द्वार आँगन,दीवारों पर रोशन रंग रोगन,आग्नेय कोण…
हे कुंजबिहारी, है वन्दना तुम्हारी,हे मन मोहन, हे बाँके बिहारी,हे गोवर्धनधर, हे भवभय हारी, मैं आया हूँ अब शरण तुम्हारी। हे कुंजबिहारी, हे कुंजबिहारी,है वंदना तुम्हारी। मोह माया में अटका…
कविता आशा की ज्योति जलाये रखने सेनिराशा और अंधकार मिट जाते हैं,प्रयास, अभ्यास निरंतर करते रहने से,सफलता, प्रसन्नता दोनो मिलते हैं। इंसान के जीवन में धैर्य व साहस,उसे सब कुछ…
मेरी रचना, मेरी कविता —X— हम राही हैं उस मंज़िल के,विधना ने जिसे बनाया है,राहें पथरीली या फूल सजी,ईश्वर ने हमें दिखाया है ।इन राहों पर ही चलकर,जीवन यात्रा पूरी…
हे मातु दया कर दे, वर दे, तनस्वस्थ सुखी रखिए रखिये।रोटी, कपड़ा, रहने को घर, वैभवसुख से भूषित रखिए रखिये। जीवन साथी का प्रेम मिला,संतानों से आदर- सद्भाव मिला।एहसान नहीं…
कही जो बात गरीब ने सत्य न माने कोय।झूठे बोल अमीर के जी हाँ, जी हाँ होय॥ मान नहीं इंसान का धन पद का है होत।सत्य झूठ की जाँच भी…
दो दोस्तों ने दो जगह दो बातें लिखीं,“समय व साँसे दो ही वास्तविक धन हैं”दोनो ही निश्चित हैं दोनो ही सीमित हैं,दोनो की दोनो बातें दो बातें बताती हैं। समय…