समस्या से भागने से समाधान नहीं होता :
यदि हम दूसरों के लिए प्रार्थनाकरने की आदत डाल लेते हैं तोहमें स्वयं के लिए प्रार्थना करने कीशायद आवश्यकता ही नहीं होगी। अच्छा सोचो अच्छा होगा, आज नहींतो कल होगा,…
यदि हम दूसरों के लिए प्रार्थनाकरने की आदत डाल लेते हैं तोहमें स्वयं के लिए प्रार्थना करने कीशायद आवश्यकता ही नहीं होगी। अच्छा सोचो अच्छा होगा, आज नहींतो कल होगा,…
ख़ुशी पाने के लिए दुःख से गुजरनापड़ता है, यही अनुभव भी कहता है,यह अक्सर देखा है कि ख़ुशी पाने केलिये बहुत से कष्ट सहना पड़ता है। कहते हैं ख़ुशी पाने…
क्रूर-निर्दयी से मर्माहतबार-बार पिस-पिस के,अंधियारे की बांहों मेंचांदनी कसमसा सिसके,रातों पर नागिन बयार केजहर कंहर बरपाएं,दिन में भी धूप को मुड़ेरों-तक चढ़ नाच नचाएं। पीड़ा से अलाव के बदनदोहरे होते…
मैने सबसे समझौते किए होते हैं, इसलिये हर कोई मुझसे ख़ुश रहता है,मैं सबसे ख़ुश रहता हूँ क्योंकि मैंसबकी ग़लतियाँ प्रायः भुला देता हूँ। जहाँ सूर्य किरणें हो, प्रकाश होता…
1- दोस्ती में ख़ारिज हुआ पर हारा नहीं हूँ स्वस्थ तंदुरुस्त रहने का राज मेराकुछ लोग, कुछ मेरे मित्र पूँछते हैं,इतना ख़ुश और संतुष्ट रहने की,वजह वह अक्सर मुझसे पूँछते…
पैसा ही सब कुछ नहीं होता है,अब तक जो मिला वह बहुत है,और कितना अधिक कमाएँगे,इस उम्र में हम कितना खाएंगे। भारत सरकार ने दिया बहुत है,ज्यादा उम्मीद करना ही…
विद्यार्थी जीवन में साइंस पढ़ता था,कुछ साल साइंस का शिक्षक भी थाफिर पोस्ट ऑफ़िस में सर्विस मिलीऔर वहीं से फिर सेना में चला गया। छत्तीस साल से ज़्यादा सेना में…
चाँद सितारों की बात हो न हो,फूल बहारों की बात हो न हो,रोशनी उम्मीद की जलती रहे,रात में सपने व नींद आती रहे। सादर धन्यवाद है आभार सहित,इतनी प्रशंसा का…
बहुत बड़ी बात है चाहतों, हसरतों कीवक्त व दिल अपने आपमें मगरूर हैं,इनसे न कोई जीता है, न जीत पाएगा,चूँकि ज़िंदगी किसी और के अधीन हैं। हमारे हृदय की सुंदरता…
धोखेबाजों के अपराधों से यदिबचना है तो हमें प्रतिज्ञा करना है,कभी किसी को अपने एटीएमका पिन कभी नहीं बतलाना है। किसी लेनदेन का वार्तालाप किसीसार्वजनिक स्थान पर नहीं करूंगा,कभी किसी…
आज ज़माना वहाँ पहुँचा है जहाँ परआगे और पीछे सतर्क रहना होता है,यदि शाबाशी पीठ में दी जाती है तोख़ंजर भी पीठ में ही मारा जाता है । कौन किसे…
जाड्यंधियोहरति सिंचतिवाचि सत्यं,मान्नोनतिं दिशति पापमपकरोति।चेतःप्रसादयति दिक्षुतनोति कीर्तिं,सत्संगतिः कथयकिंनकरोति पुंसाम्। सज्जनों की संगति मनुष्यको क्या क्या नहीं देती है,सत् संगति बुद्धि की जड़ताको समूल नष्ट कर देती है। यह मनुष्य के…
नीति निपुण लोगों को निंदा औरप्रशंसा दोनो ही हितकारी लगते हैं,वह सदा शान्ति और धैर्य रखते हैं,वे विचलित नहीं न्यायपथ से होते हैं। सराहना व निंदा दोनों अच्छे होते हैं,क्योंकि…
जीवन के अनुभव भी कैसे कैसे होते हैं,बे वजह बैठ एक जगह हँसते रहियेसब आकर बार बार जानना चाहेंगे,वहीं बैठ रोते रहिये नहीं पूछने आएँगे। प्रारम्भ करना कठिन तो होता…