
पुरी, ओडिशा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा के शुभ अवसर पर शुक्रवार को देशभर से लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचे। समुद्र तटीय तीर्थनगरी में आयोजित इस विश्वविख्यात धार्मिक उत्सव के लिए ओडिशा सरकार और मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। रथयात्रा के साथ ही पुरी की सड़कों पर श्रद्धा, उत्साह और भक्ति की लहर उमड़ पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सभी के लिए सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
पुरी में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर व्यापक योजना तैयार की है। पुरी के डीएम सिद्धार्थ स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल ने बताया कि शहर में करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की आठ टुकड़ियां और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के स्नाइपर्स भी शामिल हैं, जो मंदिर के सामने ग्रैंड रोड की छतों पर मुस्तैद रहेंगे।
इस वर्ष पहली बार पुरी में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जहां से पूरे उत्सव पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा पुरी और कोणार्क की सड़कों पर 275 से अधिक AI आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा, “महाप्रभु की कृपा से हम रथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेवादारों और प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।”
बैंकिंग सेवाएं रहेंगी प्रभावित
रथ यात्रा के पर्व पर 27 जून 2025 (शुक्रवार) को ओडिशा और मणिपुर में बैंक अवकाश रहेगा। इसके बाद 28 जून को चौथा शनिवार और 29 जून को रविवार होने के कारण, इन राज्यों में तीन दिन तक बैंकिंग सेवाएं बाधित रहेंगी। चेक क्लीयरेंस, ऋण वितरण जैसी शाखा-आधारित सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बैंकिंग विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का सहारा लें और जरूरी लेन-देन पहले ही निपटा लें।
हालांकि, अन्य राज्यों में 27 जून को बैंक सामान्य रूप से खुले रहेंगे। वहीं, 30 जून को मिजोरम में ‘रेमना नी’ (शांति दिवस) के अवसर पर बैंक बंद रहेंगे।
क्या है रथयात्रा का महत्व?
जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे आषाढ़ मास में आयोजित किया जाता है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को भव्य रथों में बिठाकर श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होती है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु भाग लेते हैं।
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