
भाटपार रानी देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
विगत दिनों भाटपार रानी तहसील क्षेत्र में स्थित खामपार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नोनाड़कपरदार में करीब 45 वर्षों पूर्व से काबिज बैनामे की भूमि बिरजा पुत्र नन्द पुत्र महेन्द्र का जो खेत में बोया गया फसल था जिसमें लहसुन प्याज सरसों आदि खड़ी फसल को अचानक से धावा बोल कर करीब 100 से 200 संख्या में आरोप के मुताबिक जिसमें यूपी एवं बिहार के आपराधिक प्रवृति के लोगों के शामिल होने व एक ग्राम प्रधान के सह एवं पूर्व नियोजित ढंग से तय समय पर फसल जोत दिए जाने की बात सामने आई है। जिसमें पीड़ित परिवार का कहना है कि हमारा करीब डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक छती हुई परिवार के लोग मानसिक प्रताड़ना के दौर से वर्तमान समय में गुजर रहे हैं वहीं परिवार भयभीत है। बताते चलें कि वर्तमान समय में जिस खेत में खड़ी फसल को जोते जाने एवं पूर्व नियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है उक्त भूमि जो बैनामे की जमीन है पर बैनमेदार द्वारा खेती की जाती रही है। जो करीब 45 वर्ष पूर्व से बैनामे के बाद से ही खेती होती आ रही है जो न्यायालय में विचाराधीन एवं अनेक वाद दायर है। वहीं पीड़ित का कहना है कि इधर कुछ दिनों पूर्व में बैनामे की भूमि पर काबिज परिवार के विरुद्ध एक वाद में जो चकबंदी में चल रहा था उसके निस्तारण में फैसला आया था जो खुद के पक्ष में नहीं होने पर आगे के न्यायालय में वादी द्वारा निगरानी दाखिल की है। जिससे विपक्ष के लोगों का नाम खेसरा खतौनी में दर्ज नहीं हो सका है। वावजूद इसके जबकि वाद पूरी तरह से निस्तारण ही नहीं हुआ है। किंतु विपक्षियों द्वारा दबंगई एवं अपने प्रभाव का नाजायज दुरुपयोग कर पीड़ित को भयभीत करने एवं फसल नुकसान कर जबरिया क्षति पहुंचाने का काम किया गया है। वहीं पीड़ित का कहना है कि थाना खामपार पर फसल पलटने वाले ट्रैक्टर को खड़ा कराया गया है।पीड़ित के आरोप हैं थाने पर समुचित एवं संबंधित धारा में आवेदन के अनुरूप मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है। पीड़ित का यह भी कहना है घटना के दिन पीड़ित परिवार मौके पर मौजूद नहीं था। अन्यथा दबंग जनों के द्वारा बड़ी घटना को भी अंजाम दिया जा सकता था जो जन हानि के रूप सामने आए होते।आखिर दबंग स्थानीय पुलिस से बेखौफ हो ऐसी दबंगई कैसे किए जांच का विषय है। वहीं इस संदर्भ में जब दूसरे पक्ष का पक्ष जानना चाहा गया तो फोन नाट रिचेबल रहा जबकि थाना प्रभारी खामपार से दूरभाष पर जानकारी की गई उनके द्वारा बताया गया कि दोनों पक्ष पर 151 की कार्यवाही की गई है। ट्रैक्टर घटना में शामिल था सीज किया गया है। बताया गया कि दूसरे पक्ष के लोगों के पक्ष में कोर्ट का आदेश है।जब खेसरा खतौनी में दूसरे पक्छ का नाम दर्ज नहीं होने की याद दिलाई गई बोले कोर्ट के आदेश पहले आते नाम बाद में चढ़ता है।सवाल उठता है कि आखिरकार बिना खेसरा खतौनी में नाम चढ़े जब किसी भूमि के लीगल मालिकाना हक पाने का कोई अधिकार किसी को नहीं है। फिर आखिर दबंगों ने इतनी दबंगई आखिर क्यों की और ऐसा सह कैसे किससे प्राप्त रहा है जो अब गंभीर जांच का विषय है।
जो करीब चार दशक पूर्व से बैनामे के भूमि पर काबिज को बल पूर्वक बेदखल करने का प्रयास किए गए हैं।
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