
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तर प्रदेश में सेना के जवानों पर लगातार हो रहे हमलों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेरठ में जहाँ ड्यूटी पर लौट रहे एक जवान को टोलकर्मियों ने खंभे से बाँधकर बेरहमी से पीटा, वहीं देवरिया में सेवानिवृत्त सैनिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं से सुरक्षा बलों और उनके परिवारों में आक्रोश है।
मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के भूनी टोल प्लाजा पर रविवार रात हुई घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। राजपूत रेजिमेंट के सिपाही कपिल कवाड़, छुट्टियों के बाद ड्यूटी पर लौटने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। इसी दौरान टोलकर्मियों से कहासुनी बढ़ी और पाँच कर्मचारियों ने कपिल व उनके चचेरे भाई पर हमला कर दिया। वीडियो में कपिल को खंभे से बाँधकर डंडों से पीटते और गालियाँ देते देखा गया। मेरठ पुलिस ने चार टोलकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पाँचवें की तलाश जारी है।
वहीं, देवरिया जिले में 65 वर्षीय सेवानिवृत्त सैनिक रामदयाल कुशवाहा की पड़ोसी से ज़मीन विवाद को लेकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि विजय बिंद और उसके साथियों ने हमला किया और फरार हो गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एक ओर सीमा पर जान की बाज़ी लगाने वाले जवान हैं, तो दूसरी ओर अपने ही देश में “पालतू गुंडों” का शिकार हो रहे हैं। सवाल यह है कि देश के रक्षकों पर हमले बढ़ रहे हैं, मगर सरकार और प्रशासन क्यों मौन है?
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