
राम वन गमन का प्रसंग सुन भावविह्वल हो उठे श्रोता
कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा)। दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के बंगरा रामबक्स राय दुर्गा मंदिर परिसर में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ एवं रामकथा अमृत वर्षा के छठवें दिन, गुरुवार की संध्या अयोध्या धाम से पधारे प्रख्यात कथावाचक स्वामी डा. उद्धव शरण महाराज ने जब कैकेयी के कोपभवन, भरत के राज्याभिषेक प्रस्ताव, श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास, माता कौशल्या की व्यथा और महाराज दशरथ की पीड़ा का हृदयस्पर्शी वर्णन किया, तो पूरा वातावरण भावविह्वल हो उठा। राम के वनगमन प्रसंग पर कथा व्यास ने जब निषादराज और केवट की भक्ति को विस्तार से सुनाया, तो श्रोताओं की आंखें श्रद्धा और प्रेम के अश्रुओं से सजल हो उठीं। स्वामी उद्धव शरण महाराज ने रामचरित मानस के मूल तत्व को उजागर करते हुए बताया कि यह महाकाव्य केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है, जो प्रेम, त्याग, कर्तव्य और धर्म का संदेश देती है। श्रीराम के चरित्र की दिव्यता का बखान सुन श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा पंडाल में बैठे भक्तों ने जय श्रीराम के जयघोष के साथ अपनी भक्ति प्रकट की। इसके पूर्व विधायक डा. असीम कुमार, भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी डा. बच्चा पांडेय, केन यूनियन के चेयरमैन धीरेंद्र उर्फ राजू राय, प्रमुख प्रतिनिधि लल्लन गोंड, पूर्व प्रधान रामबिहारी राय, प्रबंधक अनूप राय, विपिन सिंह आदि ने व्यास पीठ का पूजन किया। संचालन प्रिंस शुक्ल ने किया। इस अवसर पर सत्येंद्र उर्फ गुड्डू शुक्ल, एडवोकेट अशोक राय, शोभित शुक्ल, डिंपल शुक्ल, अनुपमा राय, मंजू राय, बिट्टू शुक्ल, आलोक राय उर्फ मन्टू, संजय राय, बबलू राय, संतोष शुक्ल, अवधेश शुक्ल, अनिल राय, बलिराम राय, मधुरश्याम शुक्ल, रामकिशोर शुक्ल, अरविन्द राय, नागेंद्र राय, गुड्डू पांडेय, रमेश चौहान, अनूप शुक्ल, रमाकांत शुक्ल, भीम प्रसाद, लक्ष्मन शुक्ल, तूफानी शर्मा, रंजन शुक्ला, रोहित शुक्ला, अमन शुक्ल, बृजेश राय, हरेंद्र राय आदि मौजूद रहे।
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