

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं पुरवाई कला गोरखपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय पुरवाई लोकोत्सव 2025 का समापन रविवार को हुआ। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति का जश्न मनाया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न लोक नृत्य, संगीत, और कला की प्रस्तुतियां दी गईं। नवांकुर कलाकारों द्वारा अपने विविध नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। साथ ही विलुप्त हो रहे लोकवाद्यों की प्रस्तुति भी हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की संस्कृति की महक को महसूस करने का अवसर प्रदान कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही हुनरहाट के विभिन्न प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
राजकीय बौद्ध संग्रहालय की ओर से संग्रहालय के उपनिदेशक डॉक्टर यशवंत सिंह राठौर और पुरवाई कला की अध्यक्ष ममता केतन ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की संस्कृति की जो सुगंध हमसे कहीं दूर हो रही थी। पुरवाई लोकोत्सव के माध्यम से सभी के मध्य में पहुंचाने का प्रयास किया गया है। पुरवाई लोक उत्सव एक ऐसा माध्यम बना है। जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति अपनी पूर्व पहचान को स्थापित करने में सफल होगी।
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