संयुक्त निगरानी समिति ने लिया सुविधाओं का जायजा
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l जिला कारागार देवरिया का निरीक्षण मंगलवार को अपर जिलाधिकारी (प्र0) जैनेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में गठित संयुक्त निगरानी समिति द्वारा किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य महिला बंदियों के साथ आवासित 0 से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास एवं संरक्षण को सुनिश्चित करना था।
निरीक्षण टीम में जेल अधीक्षक प्रेमसागर शुक्ला, जेलर राजकुमार, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. श्रीवास्तव, खण्ड शिक्षा अधिकारी देवमुनी वर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी रत्नेश पाण्डेय, बाल कल्याण समिति सदस्य विरेन्द्र मणि त्रिपाठी एवं मंत्री सिंह, तथा संरक्षण अधिकारी जयप्रकाश तिवारी सम्मिलित रहे।
निरीक्षण के दौरान समिति के सदस्यों ने ‘सुरक्षित बचपन योजना’ के अंतर्गत कारागार में रह रहे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, देखरेख, मनोरंजन, मनोसामाजिक परामर्श एवं भावनात्मक सहयोग से संबंधित व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। यह निरीक्षण मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा पारित आदेश (क्रिमिनल मिस बेल अप्लीकेशन संख्या-25993/2024 रेखा बनाम उ.प्र. राज्य एवं संख्या-11262/2025 संतोष बनाम उ.प्र. राज्य) दिनांक 22 जुलाई 2025 के अनुपालन में किया गया।
निरीक्षण के समय 07 बच्चे कारागार में आवासित पाए गए। डॉ. आर.के. श्रीवास्तव ने सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक पौष्टिक आहार एवं विटामिन्स उपलब्ध कराने के सुझाव दिए। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को शिक्षा विभाग की योजनाओं से जोड़ने की जानकारी दी, जबकि बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों से आच्छादित करने की प्रक्रिया बताई।
संरक्षण अधिकारी ने महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप योजना एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के प्रावधानों की जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (प्र0) ने निर्देश दिया कि शासनादेश में निहित प्रावधानों के अनुसार नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करते हुए संबंधित विभाग आवश्यक कार्यवाही करें।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारीगण – गीता रानी (डिप्टी जेलर) एवं अमित कुमार उपाध्याय (महिला कल्याण विभाग) उपस्थित रहे।
