Tuesday, November 18, 2025
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यंग डायबिटीज पेशेंट्स में सबसे पहले आंखों पर दिखता है असर, जानिए क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी और कैसे करें बचाव

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत में डायबिटीज (मधुमेह) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और अब इसका असर युवाओं में भी दिखने लगा है। ICMR–India Diabetes 2024 की स्टडी के अनुसार, देश में हर छठा डायबिटीज पेशेंट 40 साल से कम उम्र का है। कम उम्र में डायबिटीज होना भविष्य में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जिनमें से एक है डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) — एक ऐसी स्थिति जो आंखों के रेटिना को नुकसान पहुंचाती है और अंधेपन का खतरा बढ़ा देती है।

क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी?

यह एक आंखों से जुड़ी जटिलता है, जो लंबे समय तक ब्लड शुगर के असंतुलन से होती है। जब ब्लड शुगर लगातार बढ़ा रहता है, तो रेटिना की छोटी रक्त वाहिकाएं (blood vessels) कमजोर हो जाती हैं, जिससे सूजन, ब्लीडिंग या नई असामान्य सेल्स का निर्माण होने लगता है। इससे धीरे-धीरे दृष्टि पर असर पड़ता है और इलाज न होने पर अंधापन भी हो सकता है।

युवाओं में बढ़ रहा खतरा

ऑल इंडिया ऑप्थैल्मोलॉजिकल सोसायटी 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 साल से कम उम्र के 12–15% डायबिटीज पेशेंट्स में रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षण दिखने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेटिना डायबिटीज का पहला टारगेट होता है और शुरुआत में कोई लक्षण न दिखने के कारण मरीज इसे अनदेखा कर देते हैं। इसलिए, हर साल आंखों की जांच और ब्लड शुगर कंट्रोल बेहद जरूरी है।

आधुनिक जीवनशैली से बढ़ रहा खतरा

लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर, तनाव, स्क्रीन टाइम, नींद की कमी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन इस समस्या को और बढ़ाते हैं। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और स्मोकिंग रेटिना की कोशिकाओं को कमजोर कर देते हैं।

आंखों की सुरक्षा कैसे करें?

ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से मॉनिटर करें और कंट्रोल में रखें।

डाइट में हरी सब्जियां, फल, फाइबर, मछली, अलसी, अखरोट शामिल करें।

रिफाइंड फूड की जगह साबुत अनाज और मिलेट्स का सेवन करें।

रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें।

पर्याप्त पानी पिएं और 7–8 घंटे की नींद लें।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न शोध अध्ययनों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। इसे किसी भी तरह की मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी उपचार या व्यायाम की शुरुआत से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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