बच्चों ने बापू की पेंटिंग बनाई
छात्र-छात्राओं को प्रधानाध्यापक ने भेंट किए उपहार
मोतिहारी/बिहार(राष्ट्र की परम्परा)
पताही प्रखंड के शिवाजी पब्लिक स्कूल में गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने प्रिसिपल गौतम राज एंव शिक्षकों के साथ केक काटकर महत्मा गांधी का जन्मदिन मनाया। बच्चो ने गांधी का रोल भी अदा किया और बच्चों की क्लास ली। शिक्षकों ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए, सभी छात्र छात्राओं को गिफ्ट देकर सम्मानित किया। शिवाजी पब्लिक स्कूल में गांधी जयंती के अवसर पर बच्चों ने खुद बापू व लाल बहादुर शास्त्री बन और छात्रों को आज़ादी के बारे में बताएं। गांधी जयंती को लेकर बच्चों में बहुत उत्साह रहा। इस दौरान शिक्षकों ने महत्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला। बच्चों से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। प्रधानाध्यापक गौतम राज ने सभी छात्र छात्राओं का सम्मान करते हुए उन्हें पेन आदि गिफ्ट किया। शिक्षकों ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए बापू का रोल अदा करने वाले छात्रों को उपहार देकर सम्मानित किया। आज देशभर में गांधी जयंती धूमधाम से मनाया जा रहा है। छात्र छात्राओं को समर्पित यह दिन खासतौर पर मोहन दास करमचंद गांधी जयंती के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका जन्म 02 अक्टूबर 1869 को वर्तमान गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इस मौके पर स्कूल के प्रधानाध्यापक गौतम राज एवं डायरेक्टर सोनी गुप्ता ने भी सभी को गांधी जयंती की बधाई दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपको मोबाइल एवं कंप्यूटर का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए, अभी आप बहुत छोटे हैं और आपको इन चीजों की अभी कोई आवश्यकता नहीं है। आपको एक अच्छा विद्यार्थी और अच्छा नागरिक बनना है। जिसके लिए अच्छी बातें सीखनी और उनका पालन करना है। आपको अपने माता- पिता एवं शिक्षिकाओं का सम्मान करना चाहिए एवं सभी बातें अपने माता-पिता एवं शिक्षिकाओं को बतानी चाहिए अगर आपसे कुछ गलती भी हो जाए तो उन्हें अवश्य बताएं।
वहीं इस मौके पर उपस्थित विद्यालय के शिक्षक – केशव कुमार अविनाश कुमार जितेंद्र कुमार, चंदन कुमार, शिक्षिका- ममता कुमारी,गुड़िया कुमारी,कोमल कुमारी, स्मृति कुमारी,रोशनी कुमारी,प्रिया कुमारी,सुप्रिया कुमारी,
सभी गुरु जन ने बच्चों को बताया कि, देश की आजादी में गांधी जी ने कैसे अपना बलिदान दिया। उन्होंने बच्चों को अहिंसा का अर्थ बताते हुए कहा कि हमें किसी को चोट नहीं पहुंचानी चाहिए, गांधी जी ने हमेशा यही शिक्षा दी कि बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो।
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