
आगरा,(राष्ट्र की परम्परा)डूबने से हो रही लगातार मौतों को गंभीरता से लेते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आगरा ने जनहित में एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) शुभांगी शुक्ला के निर्देशन में आपदा विशेषज्ञ शिवम कुमार मिश्रा ने बताया कि गर्मी से राहत पाने के लिए तालाबों, पोखरों, नदियों व नहरों में नहाने के दौरान बच्चों, किशोरों और युवाओं की डूबकर मृत्यु की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो अत्यंत चिंता का विषय है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आम जनता से अपील की है कि वे स्वयं सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। एडवाइजरी में निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:
खतरनाक घाटों, तालाबों, गड्ढों के पास न जाएं और न ही बच्चों को जाने दें।
डूबते व्यक्ति को धोती, साड़ी, रस्सी या बांस की सहायता से बचाएं।
यदि तैरना नहीं आता हो तो जल में प्रवेश न करें और तुरंत मदद के लिए आवाज लगाएं।
बच्चों को स्वीमिंग पूल, तेज बहाव वाले नाले या नदी में जाने से रोकें।
पुलों, ऊंचे टीलों से कूदकर नहाने से बच्चों को सख्ती से रोकें।
नाव में बैठने पर जीवन रक्षक जैकेट (लाइफ जैकेट) अवश्य पहनें।
प्राथमिक उपचार की विधि:
यदि कोई व्यक्ति डूब जाए, तो तत्काल निम्नलिखित प्राथमिक उपचार करें:
- उसके मुंह और नाक से कोई अवरोध (जैसे मिट्टी, कीचड़) निकालें।
- सांस और नब्ज की जांच करें।
- सांस न आने पर मुंह से मुंह द्वारा दो बार गहरी सांस दें और छाती पर 30 बार दबाव डालें। इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएं।
- अगर व्यक्ति खांसने, बोलने या सांस लेने लगे तो उसे प्रोत्साहित करें।
- मूर्छा या बेहोशी की स्थिति में फिर से सांस देने और छाती पर दबाव देने की प्रक्रिया दोहराएं।
- बचाए गए व्यक्ति को तुरंत नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ग्रामों और मोहल्लों में ऐसी घटनाओं के बाद सामूहिक चर्चा कर कारणों की समीक्षा करने और भविष्य में सतर्कता बरतने पर जोर दिया है।
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