May 23, 2025

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आलेख -अंग्रेजों से आजादी के बाद अब देश को धर्मनिरपेक्ष से आजादी चाहिए तभी देश के हिंदू सुरक्षित रह पाएंगे

पुरे देश एवं दुनिया में पहलगाम में हुए 26 पर्यटकों की हत्या की निंदा हो रही है,पुरे देश के हिन्दुओं में आक्रोश की भावना है तथा मरने वालों के प्रति दुख और उनके परिजनों के लिए सहानुभूति की भावना है । जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में बड़ा आतंकी हमला हुआ और इस हमले में 26 लोगों को आतंकवादियों ने‌ गोली मारी दी । पाकिस्तान के चार आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया दिया। आतंकियों ने सभी पर्यटकों को बैठाया और फिर पहले नाम पूछा, धर्म पूछा, कलमा पढ़वाया और फिर भी शक हुआ तो कन्फर्म करने के लिए आतंकियों ने कई टूरिस्टों के पैंट उतरवाए और कन्फर्म किया कि वो गैर मुस्लिम हैं या नहीं। इसके बाद सबको सिर झुकाने के लिए कहा और फिर गोली मार दी। सबसे बड़ी बात है कि उन्होंने सिर्फ मर्दों की ही हत्या की है, औरतों और बच्चों को छोड़ दिया ताकि, औरतें और बच्चे दुख और संताप से तड़पते रहे।
इन सब से ऊपर एक बात जो मेरे जेहन में आई कि, अपना देश अपना घर होता है और जब लोग अपने घर में सुरक्षित नहीं रहेंगे तो फिर ऐसी आजादी का क्या मतलब हुआ? कहीं न कहीं हमारी सुरक्षा में कमी है जो आए दिन सेंधमारी हो जाती है, आंतकी हमलें हो जाते हैं?
जैसे हिन्दू मुस्लिम पुछ पुछ कर गोली मारी गई निश्चित ही शर्मनाक है मगर जिस कौम के लोगों ने हिंदुओं को गोली मारी और अपने धर्म के लोगों को छोड़ दिया, इससे तो यही स्पष्ट होता है कि, आतंकवादी धर्म के लोग इस देश में सुरक्षित हैं और बाकी असुरक्षित आखिर जब देश का बंटवारा हुआ तो क्यों देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया? जबकि बांटे गए देश ने अपना धर्म सुरक्षित रखा। उसने एक ही धर्म को अपनाया और हम धर्मनिरपेक्ष होकर के आज अपने देश में सुरक्षित नहीं है; काश कि हमारा धर्म देश धर्मनिरपेक्ष नहीं होता तो हमारे देशवासी अपने देश में अपने घर में सुरक्षित होते हैं। एक तरह से धर्मनिरपेक्ष देश घोषित कर हमने अपनी सुरक्षा में सेंधमारी का जुगाड़ कर लिया है, गंदी राजनीति देश की आजादी से लेकर इतने सालों बाद तक देशवासी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं और जो स्थिति हमारे सामने आ रही है उसे यह लगता है कि हिंदू भारत में सुरक्षित नहीं है ,हिंदुओं की सुरक्षा घटती जा रही है ,जो कभी अल्पसंख्यक हुआ करते थे वह बहुसंख्यक को होते जा रहे हैं और जो बहुसंख्यक थे वह असुरक्षित और अल्पसंख्यक बनते जा रहे हैं ऐसा लगता है कि, अंग्रेजों से आजादी के बाद अब हमारे देश को धर्म से आजादी की आवश्यकता है तभी हमारे देश के हिंदू भाई बहन सुरक्षित रह पाएंगे धर्मनिरपेक्षता की बेडी़ को तोड़कर धर्म सापेक्ष सुरक्षा रूपी जंजीर को हमारे देश को पहनना होगा ताकि देश सुरक्षित हो और बाहर वाले बाहर चले जाएं।
हमारा धर्मनिरपेक्ष होना ही शायद हमारी गलती है और इसे स्वस्थ रहते सुधारना अब निहाई थी जरुरी हो चुका है।
भारत सरकार ने पांच बड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल समझौते को रद्द करना और पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से बाहर जाने का आदेश देना भी शामिल है।
भारत सरकार ने इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पांच बड़े फैसले लिए हैं। भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर बंद कर दिया गया है और सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान नागरिकों का वीजा बंद कर दिया गया है और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित ही सराहनीय है,और ये सारे कदम देश के बंटवारा के तुरंत बाद उठाया जाना चाहिए था अगर ऐसा हुआ होता तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। सुरक्षा के साथ समझौता कभी भी किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए, अल्पसंख्यको को देश में रहने तथा धर्म की आजादी देकर कहीं न कहीं हिन्दूओं के साथ ना इंसाफी हुई है जिसका परिणाम सामने है।

डॉ राहुल जामवाल
जालंधर पंजाब