
जल ही जीवन है: डॉ के एम सिंह
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, नानपारा द्वारा ग्राम- अम्बा विकास खण्ड मिहींपुरवा में “पोषण वाटिका” विषय पर एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. के. एम. सिंह ने किया जिसमें उन्होंने पोषण वाटिका से न्यूनतम लागत में वर्षभर ताज़ी हरी सब्जी प्राप्त करने हेतु फसल चक्र वार्षिक कैलेंडर तथा कुपोषण निवारण में फल एवं सब्जियों के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जल संरक्षण हेतु कृषकों को प्रेरित करते हुए “जल ही जीवन है” बताते हुए उन्हें घरेलु क्रिया कलाप जैसे बर्तन धुलाई इत्यादि से निकलने वाले जल से पोषण वाटिका की सिंचाई करने का आग्रह किया। पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. हर्षिता ने कृषक महिलाओं को अपनी पोषण वाटिका में गौ पर आधारित प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी जिसमें कीटनाशकों के स्थान पर नीमात्र, ब्रह्मास्त्र, मठास्त्र एवं दसपर्णीय के प्रयोग से कीट-रोग व्याधियों का निवारण किया जाता है ताकी उन्हें विषरहित सब्ज़ीयाँ प्राप्त हो सकें । डॉ. सूर्य बली सिंह ने महिलाओं को अपने घर के आसपास उपलब्ध जगह में फलदार पौधे जैसे आम, अनार, अमरुद, लीची, ऑवला, नींबू, सहजन आदि लगाने को प्रेरित किया। कार्यक्रम में डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. स्वयंसेवी संस्था के संयुक्त प्रयास से क्षमता परियोजना के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत चयनित आदिवासी समुदाय को पोषण वाटिका में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 1 हॉर्स पावर की मोटर एवं सिंचाई पाइप भी प्रदान किए गए।
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