November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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बाबू गिरी से फुर्सत मिले तो गांव भी चले आओ

इटियाथोक,(गोंडा)(राष्ट्र की परम्परा ) 7 सितम्बर। गांवों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए, सरकार भले ही करोड़ों रुपये का बजट हर साल खर्च कर रही हो, लेकिन इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र में साफ-सफाई का बुरा हाल है। नियुक्ति के बाद भी सफाई कर्मी गांव देहात में नहीं पहुंच रहे हैं। कुछ तो सरकारी कार्यालयों तक को नहीं छोड़ पा रहे हैं। इसी कारण गांव तो साफ नहीं हो सके, हर माह वेतन निकलने से सरकारी खजाना जरूर श्साफ हो रहा है। बानगी के तौर पर इटियाथोक कस्बा सहित आंगनवाड़ी केंद्र की बात करें, तो यहां हालत गांव से भी बदहाल है। दुश्वारियों के बीच आस-पास के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।कस्बे के बीचो बीच गंदगी से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना है।सफाई कर्मचारियों के नियुक्ति में प्रावधान था, कि उसी गांव के युवा को यह जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि समय से कार्य कर सके। अगर उस गांव में कोई तैयार नहीं होता है तो पड़ोसी गांव के युवक को नियुक्त किया जा सकता है। इटियाथोक ब्लॉक में 85 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें कुछ बड़ी हैं, जहां दो-दो कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। इस तरह पूरे ब्लॉक क्षेत्र में कुल 131 कर्मचारी तैनात हैं।खबर है, ब्लॉक मुख्यालय पर कुछ सफाई कर्मियों को संबद्ध कर दिया गया है, लेकिन यहां पर इनका मलाईदार पटलों का चस्का लग गया।इसी कारण इनके लिए आवंटित पंचायतों में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं।वहीं कुछ सफाई कर्मियों को ब्लॉक मुख्यालय स्थित चाय की दुकान पर अक्सर गप्पे हांकते हुए देखा जा सकता है।विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, नियुक्ति के समय सफाई कर्मचारियों का वेतन कम था। यह बढ़ता गया और आज एक कर्मचारी को करीब 35 हजार से अधिक रुपये मिलते हैं। बोनस अलग से आता है। इसके बाद भी गांवों में सफाई न होने की शिकायतें लगातार विभागीय उच्चाधिकारियों के पास पहुंचते हैं।लेकिन बड़े हैरत की बात है, कि शिकायतों की लंबी फेहरिस्त के बावजूद ऐसे कर्मियों के खिलाफ कोई भी जिम्मेदार कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। पिछले दिनों ज्वाइंट वीडियो रूपनारायण भारती ने जब कुछ सफाई कर्मियों को साफ-सफाई के लिए कहा, तो आक्रोशित सफाई कर्मियों ने लामबंद होकर जमकर नारेबाजी की। जिससे विकास विभाग कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल रहा और घंटों सरकारी कामकाज ठप रहा।
बाक्स में लगाएं-
’जिम्मेदार के बोल’
डीपीआरओ लालजी दूबे का कहना है,कि जांच करके ऐसे सफाई कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी