मेरी रचना, मेरे गीत
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श्रीकृष्ण से कह देना,
मेरी बात सुना करके,
रोती हैं सखियाँ सारी,
सुध करके गोकुल में॥श्रीकृष्ण से …
उधौ जी उनसे कहना,
राधिका भी रोती हैं,
कान्हा कान्हा करके,
बरसाने में अकेले में॥
श्रीकृष्ण से कह देना….
गोकुल की गैयाँ घूमे,
कान्हा को ढूँढे वन में,
बछड़े गोकुल के भटकें,
हर शाम अकेले वन में॥श्रीकृष्ण से…
तुम बसे द्वारिका में,
हम खोजें वृंदावन में,
मुरली न बजे तेरी ना,
तान सुनी बरसों से॥श्रीकृष्ण से …
कान्हा अब आ जाओ
गोकुल में मथुरा वृंदावन में,
सारी धरती ख़ुश होगी,
कान्हा तेरे दर्शन में॥श्रीकृष्ण से …
तेरा नाम जपे आदित्या,
तेरा नाम जपे हर कोई,
तुझे पुकारे यह दुनिया,
तेरे दर्शन की आश में रोई॥
श्रीकृष्ण से कह देना,
मेरी बात सुना करके,
रोती हैं सखियाँ सारी,
सुध करके गोकुल में॥
•कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
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