
उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा) तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जल संकट गहराता जा रहा है। क्षेत्र के ग्राम पंचायत गूमा फातमा जोत, पतकरपुर, कथरहा एवजपुर, नथईपुर कानूनगो, देवरिया इनायत, दतलुपुर समेत कई गांवों में आदर्श पोखरे, अमृत सरोवर, तालाब एवं नहरें पूरी तरह सूख चुकी हैं,वही विकास खंड उतरौला के कई गांवों के तालाब,पोखरों में पानी नहीं है जिससे इंसान से लेकर जानवर और पक्षियों तक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण मिश्री लाल यादव, नसीबुल्लाह, राम लौटन वर्मा, हरीश कुमार आदि ने बताया कि जलस्रोतों के सूख जाने से पशुओं को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। गर्मी के इस भीषण दौर में जानवरों की प्यास बुझाने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था न होने के कारण नीलगाय और छुट्टा जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में पानी की तलाश में भटकते नजर आ रहे हैं।
स्थिति यह है कि पक्षी भी अपनी प्यास बुझाने के लिए घरों की छतों और अन्य स्थानों पर पहुंच रहे हैं। मनीष कुमार शुक्ला, राजन तिवारी और अन्नू ने बताया कि जल संकट का असर पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर साफ दिखने लगा है। कई पक्षी निर्जलीकरण के कारण बेसुध होकर गिरते देखे जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सूख चुके तालाबों, पोखरों व नहरों में जलापूर्ति कराई जाए, ताकि पशु-पक्षियों को राहत मिल सके और क्षेत्र में जल संकट से निपटा जा सके।
ग्राम पंचायत सचिव सर्वेश कुमार ने बताया कि स्थिति को देखते हुए संबंधित विभाग को सूचित किया गया है, और जल्द ही तालाबों में पानी भरवाने की कार्यवाही की जाएगी।
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