जांच को सही दिशा मिल जाए तो फर्जी भुगतान का खेल भी उजागर होने की संभावना
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) जिले में सरकारी कामकाज में बाधा डालने का मामला अब बड़ा रूप ले चुका है। कोतवाली थाना क्षेत्र के महुआबारी निवासी नुरूल हुदा अंसारी उर्फ भलाऊ पर आरोप है कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में घुसकर अभद्रता की, दस्तावेज फाड़ डाले, गाली-गलौज की और अभियंता को जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं, अभियंता से पैसों की मांग भी की गई।
अधिशासी अभियंता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
🔎 शिकायत में क्या कहा गया?
अधिशासी अभियंता ने दर्ज कराई तहरीर में साफ लिखा है कि नुरूल हुदा अंसारी ने जानबूझकर कार्यालय में रखे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नष्ट कर दिया। इस दौरान उन्होंने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी और अवैध धन की मांग रखी।
💰 फर्जी भुगतान का खेल भी आएगा सामने
सूत्रों का कहना है कि नुरूल हुदा अंसारी उर्फ भलाऊ की पैठ 2018 में पेटी ठेकेदार के रूप में हुई थी। तभी से उन्होंने दोनों खंडों के सहायक अभियंताओं और अवर अभियंताओं से नजदीकियां बढ़ाकर मोटी कमाई की।
माना जा रहा है कि अगर एक्स्ट्रा आइटम और वर्क ऑर्डर पर हुए भुगतानों की जांच कराई जाए तो करीब दर्जनभर अवर अभियंता फर्जी भुगतान में संलिप्त पाए जा सकते हैं।
जानकारों के अनुसार, इन्हीं संदिग्ध भुगतानों को लेकर अधिशासी अभियंता और नुरूल हुदा के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद यह घटना सामने आई।
🏗️ धरातल पर अधूरे काम, फिर भी जारी भुगतान
स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि कई ठेकेदार वास्तविक कार्य कराने के बाद भी पूरा भुगतान नहीं ले पाते।
उदाहरण के तौर पर, किसी ठेकेदार ने 200 मीटर का कार्य कराया, लेकिन इंजीनियरों के दबाव में 10 से 50 मीटर अतिरिक्त कार्य कराना पड़ा।विभाग के पास बजट अभाव का हवाला देकर अतिरिक्त कार्य का भुगतान रोक दिया गया, जबकि कुछ चहेते ठेकेदारों को बिना काम किए ही भुगतान मिल जाता है।
लोगों का कहना है कि यदि नवागंतुक पुलिस अधीक्षक इस मुकदमे को भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दें तो PWD की परत-दर-परत भ्रष्टाचार की परतें खुल जाएंगी।
🗣️ ठेकेदार संघ की प्रतिक्रिया
ठेकेदार संघ अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा –“हम ठेकेदारों के हित में खड़े रहेंगे और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।”
👮 प्रशासन की सख्ती
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालना और अभियंता को धमकी देना गंभीर अपराध है। आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विभागीय स्तर पर भी फर्जी भुगतान के मामलों की जांच की जानी चाहिए।
👉 यह मामला केवल मारपीट और दस्तावेज फाड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि PWD के अंदर चल रहे फर्जी भुगतानों और भ्रष्टाचार की परतें खोलने की कुंजी भी साबित हो सकता है।
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