बिना तकनीकी स्वीकृति के निविदा आमंत्रित
28 अक्टूबर से ही प्रदेश के ठेकेदार निविदा का कर रहे बहिष्कार
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा) लोक निर्माण विभाग में वर्तमान समय में असंवैधानिक स्थिति बनी हुई है। गोरखपुर क्षेत्र में मुख्य अभियंता का पद 1 दिसंबर से खाली है, किसी के पास कोई चार्ज नहीं है। अधीक्षण अभियंता द्वारा बिना तकनीकी स्वीकृति के निविदा आमंत्रित की जा रही हैं, इस संबंध में प्रमुख अभियंता के आदेश का अधीक्षण अभियंता को संज्ञान कराया गया तो उन्होंने कहा जो कार्रवाई होगी देखा जाएगा।
वर्तमान समय में रॉयल्टी की 6 गुना कटौती डिपॉजिट का भुगतान और जमानत धनराशि, की विभिन्न समस्याओं को लेकर के 28 अक्टूबर से प्रदेश के ठेकेदार निविदा बहिष्कार कर रहे हैं, जिस के क्रम में अधीक्षण अभियंता द्वारा बिना तकनीकी स्वीकृति के निविदा आमंत्रित कर अपने कुछ लोगों को, नियम विरुद्ध तरीके से निविदा बिना स्पर्धा के देने का प्रयास कर राजस्व का नुकसान करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि इस संबंध में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा रॉयल्टी की समस्या को सचिव खनन को अवगत कराते हुए एक हफ्ते में समाधान होने का विश्वास जताया है,
ऐसे में अधीक्षण अभियंताओं के उक्त कृत्य लोक निर्माण विभाग के नियमों के विरुद्ध कर भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाला है। इधर ठेकेदार संघ भी अपनी मांगों पर अड़ा है, जब तक कोई आदेश निर्गत नहीं हो जाता निविदा में भाग नहीं लेंगे। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष शरद कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि, पिछले 1 बरस से सभी उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जाता रहा है, और सभी उच्च अधिकारी लोक निर्माण विभाग द्वारा हमारी मांगों का समर्थन किया गया, किंतु मामला शासन से संबंधित होने के कारण लंबित पड़ा है। इस संबंध में प्रमुख अभियंता द्वारा भी पिछले साल से कई बार पत्राचार शासन से किया जा चुका किंतु शासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने के कारण सभी मामले लंबित पड़े हुए हैं, चाहे वह केंद्र सरकार द्वारा एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदारों को 0% पर निविदा डालने की सुविधा 3% पर अनुबंध गठन कराने की सुविधा और परफॉर्मेंस फ्री की सुविधा 1 जनवरी 22 से बंद कर दी गई है, जबकि यह सुविधा केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2023 तक के लिए दी गई है। इसी प्रकार रॉयल्टी की 6 गुना कटौती हो या डिपाजिट का भुगतान हो या जमानत धनराशि 2% हो इन सारी समस्याओं का जड़ शासन स्तर पर लंबित होना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा तीन तीन बार संज्ञान लेने के बाद भी कोई करवाई ना होना आश्चर्यजनक है।उक्त बातें एक विज्ञप्ति के माध्यम से मण्डल अध्यक्ष शरद सिंह ने बताया।
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