
निःसंदेह यही कर्म फल हैं
निसंदेह हम अपने कर्मों की
वजह से ही बीमार पडते हैं,
खानपान में परहेज़ न करना,
समयानुसार वस्त्र न बदलना।
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स्वास्थ्य विरोधी हों आदतें,
व्यायाम व आराम न करना,
अपने शरीर का ज़रूरत भर
पूर्ण रखरखाव नहीं करना।
यह सभी अपने ही कर्म हैं,
स्वस्थ होने के लिये उपचार,
अच्छा शुद्ध भोजन खाना,
निःसंदेह यही कर्म फल हैं।
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भोजन पदार्थों में मिलावट,
नक़ली खाद्य पदार्थ का सेवन,
नक़ली दवाइयों का सेवन भी,
कर्म फल के रूप में भोगते हैं।
हमें शक किस बात का रह गया,
समाज की दशा और दिशा भी,
व्यक्ति विशेष के लिए कर्मफल है,
आदित्य जैसी करनी वैसी भरनी है।
डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’