मऊ ( राष्ट्र की परम्परा ) आगामी मानसून के दृष्टिगत बाढ़ प्रबन्धन की तैयारी के दृष्टिगत जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र द्वारा बताया गया कि “वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राकृतिक आपदा से होने वाले मृत्यु में सर्वाधिक मृत्यु तालाब, पोखरों, नदी, नहर व गड्ढ़ा में डूबने से हुई है। डूबने के कारण होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए जनमानस को अधिक से अधिक जागरूक करने के उद्देश्य से सावधानी एवं बचाव के उपायों को जिलाधिकारी द्वारा जनपदवासियों से अपील की गई है कि अल्प आयु के बच्चो को जल स्रोत के पास खेलते समय सावधानी पूर्वक निगरानी तथा उन्हे कभी भी अकेले कुओं, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर नाला, गड्ढ़ा, जलप्रपात या अन्य किसी जल स्रोत के समीप न जाने दें।
तैराकी कौशल के अभाव में कुओं, नदी, झील, तालाब, पोखर नहर नाला, गड्ढ़ा, जलप्रपात या अन्य किसी जल स्रोत में न जाएं।
नदी, नहर, तालाब, पोखर या अन्य किसी जल स्रोत के पास चेतावनी बोर्ड लगाना जिसमें सुरक्षा-बचाव निर्देश एवं संकेत अंकित हो एवं इसका अनुपालन सुनिश्चित कराना।
डूबने से बचाव हेतु बच्चो की भेद्यता, त्यौहारों के समय संवेदनशील स्थानों और घाटो पर जागरूकता एवं निगरानी तन्त्र स्थापित करना तथा क्या करे और क्या न करे के प्रति लोगों को जागरूक करना।
संवेदनशील स्थानों पर समुदाय के पारंपरिक ज्ञान को जागरूकता बढाने में शामिल करे।
स्कूली बच्चों को जल सुरक्षा, जोखिम न्यूनीकरण एवं प्राथमिक उपचार के उपाय सिखाए।
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