Tuesday, October 14, 2025
HomeUncategorized⚡ “बागापार फीडर बना खतरे का जाल — लटकते तार और झुके...

⚡ “बागापार फीडर बना खतरे का जाल — लटकते तार और झुके पोल से मंडरा रहा मौत का साया”

रिपोर्ट: सतीश पाण्डेय

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। चौक विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाला बागापार फीडर इन दिनों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। क्षेत्रभर में झुके हुए बिजली के पोल और नीचे लटकते तार किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग की लापरवाही चरम पर है और बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।

बागापार से रामपुर महराजगंज मार्ग पर स्थित बागापार चौराहे के पास, महज सौ मीटर की दूरी पर तालाब किनारे लगा खंभा पूरी तरह जर्जर हो चुका है। पोल में गहरी दरारें हैं और तार लगभग जमीन से सट गए हैं। यह खतरनाक दृश्य पूरे फीडर क्षेत्र में आम बात हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि “अगर विभाग समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो किसी दिन कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।”
स्थानीय समाजसेवी उमेश चन्द्र मिश्र ने बताया कि उन्होंने बार-बार इस समस्या की शिकायत विद्युत विभाग से की, लेकिन कागजों में ही कार्रवाई सीमित रही। उन्होंने कहा कि हाल ही में झुगवा क्षेत्र में बिजली करंट से हुई दुर्घटना की पुनरावृत्ति यहां कभी भी हो सकती है।

वहीं बागापार के युवा ग्राम प्रधान विवेक प्रताप सिंह उर्फ निक्कू सिंह ने भी विभागीय उदासीनता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब मैं सीधे जिलाधिकारी से मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराऊंगा, और यदि सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन का रास्ता अपनाने में देर नहीं की जाएगी।”

ग्रामीणों की मांग है कि पूरे बागापार फीडर की विद्युत लाइन की तत्काल जांच व मरम्मत की जाए, ताकि किसी निर्दोष की जान न जाए।

ये भी पढ़ें –मुजफ्फरपुर: निजी स्कूल में शिक्षक की पिटाई से आठ वर्षीय छात्र की मौत, पुलिस जांच में जुटी

ये भी पढ़ें –“झारखंड की सबसे युवा मुखिया लापता: बोकारो के ललपनिया में दहशत और रहस्य, तीसरे दिन भी सुराग नदारद”

ये भी पढ़ें –“5 अक्टूबर 1864: कोलकाता का प्रलय — जब चक्रवात ने निगल लिए थे 50,000 से अधिक जीवन

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments