उदयपुर/राजस्थान (राष्ट्र की परम्परा)। भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय कोर परिषद की उतरार्द्ध बैठक का शंखनाद शनिवार को स्थानीय हिरण नगरी सेक्टर 13 स्थित आशीष वाटिका हुआ।
भगवान शिव के मूल गांव कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की स्वतंत्रता व प्रखर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ सुदृढ़ अखंड भारत निर्माण की दिशा में कार्यरत संघ की तप- 2024 बैठक में देश भर से चिंतक जुटे हैं।
संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामकुमार सिंह ने बताया कि तिब्बत को चीन से स्वतंत्र कराए बगैर भारत की आजादी अधूरी है, इस विचार से संघ निरंतर विभिन्न उपक्रमों व कार्यक्रमों की रचना कर अभियान चलाया जा रहा है।
संत कबीर नगर भाग लेने पहुंचे श्री सिंह ने कार्यक्रम स्थल से बताया कि तप 2024 में प्रथम दिन पांच सत्र और दूसरे दिन दो सत्र होंगे। इन सत्रों में संघ के अब तक के कार्यों की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति पर विचार होगा।
बैठक में केंद्रीय संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र तोमर लखनऊ से, केंद्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य व महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित बीकानेर से, राष्ट्रीय महामंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीनिवास राव बेंगलूरु से, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सहकारिता क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती प्रकाश रत्न पारखी खरगौन से, तिब्बती मामलों के विशेषज्ञ व गणित के प्रोफेसर डॉ. सचिन श्रीवास्तव गोरखपुर से, शिवालय संरक्षण समिति के प्रभारी व वारकरी संप्रदाय के महंत बाबा जलगांव से, मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति व केंद्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य प्रो. परमेंद्र दशोरा सहित राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में विद्वान चिंतक भाग ले रहे हैं।
हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के
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