देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। खण्ड शिक्षा अधिकारी भलुअनी ने जानकारी दी है कि विकासखण्ड क्षेत्र में कई विद्यालय बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, जो निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्थायी मान्यता समाप्त होने के बाद भी यदि विद्यालय बिना मान्यता के चलता पाया गया तो प्रबंधक/प्रधानाचार्य पर ₹1 लाख तक जुर्माना और विद्यालय बन्द न करने पर प्रतिदिन ₹10,000 का दंड लगाया जाएगा। सभी विद्यालयों को 15 दिवस के भीतर मान्यता प्रमाणपत्र की प्रति कार्यालय में जमा करने या विद्यालय बन्द कर बच्चों का नामांकन नजदीकी परिषदीय विद्यालय में कराने का निर्देश दिया गया है। समय सीमा का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई तय है।
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