June 16, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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कमला पसंद और विमल की कमी से फुटकर दुकानदार परेशान, महंगे दामों पर बिक रहा गुटखा

उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। उतरौला बाजार सहित ग्रामीण इलाकों में गुटखा प्रेमियों के लिए पिछले एक हफ्ते से मुश्किलें बढ़ गई हैं। कमला पसंद और विमल जैसे प्रमुख गुटखा ब्रांड्स की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। इस अभाव का फायदा उठाते हुए कुछ थोक व्यापारी कालाबाजारी में जुटे हैं। बाजार में गुटखा की मांग बढ़ते ही मुनाफाखोर थोक विक्रेता इनकी कीमतों में मनमानी वसूली कर रहे हैं। स्थिति यह है कि फुटकर दुकानदारों को ₹5 का गुटखा ₹6 या उससे भी अधिक में बेचना पड़ रहा है। कई दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब थोक व्यापारियों से इसका कारण पूछा जाता है तो सीधा जवाब मिलता है कि “माल की कमी है, इसलिए महंगा मिल रहा है।” एक दुकानदार ने बताया कि थोक विक्रेता जब मनचाही कीमतें वसूलते हैं, तब ही गुटखा उपलब्ध कराते हैं। “ज्यादा कीमत देने पर थोक व्यापारी बिना किसी झिझक के माल निकालकर हमें थमा देते हैं, लेकिन सामान्य दरों पर पूछने पर सीधे मना कर देते हैं। बाजार में गुटखा की इस कालाबाजारी को लेकर उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। “यह सीधी-सीधी कालाबाजारी है, जिसमें आम लोगों को ठगा जा रहा है। फुटकर विक्रेताओं का भी मानना है कि प्रशासन अगर चाहे तो थोक व्यापारियों की गोदामों की जांच करके इस खेल को उजागर कर सकता है। उतरौला में गुटखा के दामों में हुई अचानक वृद्धि से उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है। जो गुटखा पहले ₹5 में मिलता था, वह अब ₹6 से ₹7 तक पहुंच गया है। ग्राहक भी मजबूरी में महंगे दाम पर इसे खरीद रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और फुटकर दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द थोक व्यापारियों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, बाजार में गुटखा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि लोगों को इस तरह से लूटा न जा सके। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस कालाबाजारी पर लगाम लगाता है और बाजार में गुटखा की सामान्य उपलब्धता सुनिश्चित होती है।