
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। राजधानी स्थित हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश के निराला सभागार में आयोजित भव्य समारोह में सेवानिवृत कर्नल डा. आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’ के काव्य संग्रह “आदित्यायन” की आठ पुस्तकों की श्रृंखला का विमोचन मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम ने किया। उन्होंने विमोचन करते हुए कर्नल ‘आदित्य’ की साहित्य साधना को सराहा। विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए काशी हिंदी विद्यापीठ के कुलाधिपति सुख मंगल सिंह ने भी डॉ. मिश्र के साहित्य सृजन को सराहा। उन्होंने कहा कि डॉ. मिश्र ने अपनी रचनाओं में आज के सामाजिक बदलावों और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को बड़े ही सरल और सहज शब्दों में प्रस्तुत करने का अनूठा प्रयास किया है। पुस्तकों की समीक्षा करते हुए डॉ. हरि शंकर मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी, लखनऊ विश्वविद्यालय ने डॉ. कर्नल आदित्य के साहित्यिक कृतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जो अमृत वर्षा डॉ. आदित्य ने की है वह परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए अनमोल धरोहर है।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के दीप प्रज्जवलन और प्रसार भारती की उद्घोषिका डॉ.अनीता मिश्रा के सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र मिश्र व आभार ज्ञापन रंजना द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें रविन्द्र पाण्डेय निर्झर प्रतापगढ़ी, डॉ. पारसनाथ श्रीवास्तव, सुनीता चतुर्वेदी सुधा, कर्नल सीमित कुमार, राजेंद्र कात्यायन व हरिमोहन बाजपेयी ने काव्य पाठ किया। सभी कवि अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
More Stories
ऑपरेशन सिंदूर : भाजपा नेताओं ने निकाली तिरंगा यात्रा
राजस्व कार्यों की सुस्ती पर जिलाधिकारी ने जताई नाराज़गी, तय समयसीमा में निस्तारण के दिए निर्देश
उद्यमियों की समस्याओं का हो त्वरित निराकरण: दिव्या मित्तल