
उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। सोमवार को दोपहर में हुई झमाझम बारिश ने जहां एक ओर भीषण गर्मी से राहत दिलाकर मौसम को सुहावना बना दिया, वहीं दूसरी ओर नगर की सफाई व्यवस्था और जल निकासी की व्यवस्था की हकीकत भी उजागर कर दी। आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला द्वारा वर्षा पूर्व साफ-सफाई और जल निकासी के जो दावे किए गए थे, वे पहली ही बारिश में धराशायी हो गए। नगर क्षेत्र के प्रमुख चौराहों और बाजारों में बारिश के कुछ ही देर बाद जलभराव की स्थिति बन गई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे के पास विनय मेडिकल स्टोर के सामने, गौसिया स्कूल के निकट, बाबा होटल के बगल और लालगंज तिराहा जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों पर पानी भर गया। नालियों की नियमित सफाई न होने और जल निकासी व्यवस्था के कमजोर होने के कारण पानी सड़कों और दुकानों के सामने जमा हो गया। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई दुकानों के सामने पानी भर जाने से ग्राहक दुकान में प्रवेश नहीं कर सके और व्यापार प्रभावित हुआ। दुकानदारों का कहना है कि नगर पालिका परिषद हर वर्ष बारिश से पूर्व व्यापक सफाई अभियान और जल निकासी की तैयारी के दावे करती है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। जलभराव के कारण न केवल आवागमन बाधित हुआ बल्कि कई स्थानों पर कीचड़ और फिसलन से दुर्घटना की आशंका भी बनी रही। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि नगर क्षेत्र की नालियों की समय से सफाई नहीं की गई और न ही जल निकासी की समुचित व्यवस्था की गई है। नतीजतन हल्की सी बारिश ने ही शहर की स्थिति को बदतर बना दिया। नागरिकों ने जिला प्रशासन और नगर पालिका से अपील की है कि जल्द से जल्द जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उतरौला की जनता अब यह सवाल कर रही है कि जब पहली बारिश में ही नगर की यह हालत है तो आगामी मानसून में क्या स्थिति होगी? साफ है कि यदि नगर पालिका ने जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में नगरवासी बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं।
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