
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। नानपारा नगर स्थित थोक मछली मण्डी में छापेमारी की गई। इस दौरान आन्ध्र प्रदेश से लायी गई मछलियों में खतरनाक प्रिजर्वेटिव मिलाकर लंबे समय तक अच्छा रखने की आशंका में होने पर मछली मंडी में छापा मारा गया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन तथा मत्स्य विभाग की संयुक्त टीम ने पिकप वाहन में रखी लगभग दो टन मछलियों की जांच की, जिनकी कीमत तीन लाख रुपये से अधिक है। मछलियों को लंबे समय तक ठीक रखने के लिए प्रिजर्वेटिव मिलाने की आशंका होने पर छे नमूने लिएं गये। पंगेशियस मछली के तीन नमूने एवं रोहू मछली के तीन नमूनों की जांच कराई जा रही है, जिसकी मंगलवार शाम तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है, तब तक मछलियों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सहायक निदेशक मत्स्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार ने बताया कि आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों को ज्यादा दिन तक खाने योग्य बनाए रखने के लिए प्रिजर्वेटिव मिलाने की सूचना मिली। यह प्रिजर्वेटिव मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। पहले फार्मालिन मिलाने की बात सामने आती थी लेकिन अब कुछ और केमिकल मिलाया जा रहा है। इसकी जांच के निर्देश मिले थे। जिसपर टीम के साथ अधिकारी मंडी पहुंचे और गेट को बंद कराकर जांच शुरू कराई गई इस दौरान मौजूद मत्स्य विक्रेताओं को प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को बिक्री न करने हेतु जागरूक किया गया। जांच के दौरान प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली नहीं पाई गई। साथ ही उन्हे निर्देशित किया गया कि थाई मांगुर मछली विक्रेताओं पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी। इस मौके से मछलियों के नमूने भी संग्रहीत किये गये, जिसका परीक्षण कर आगे की कार्यवाही की जायेगी। इस कार्यवाही में सहायक निदेशक मत्स्य डॉ जितेन्द्र कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ विवेक कुमार वर्मा व आदित्य वर्मा एवं ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक बाबूराम आदि मौजूद रहे।
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