
ड्रोन कैमरों, पैदल गश्त और वाहनों की चेकिंग के माध्यम से सीमा की हो रही निगरानी
ग्रामीणों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए कर रहे जागरूक
महाराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद में भी भारत-नेपाल की खुली सीमा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा के नेतृत्व में जिले की सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में पुलिस एवं सशस्त्र सीमा बल द्वारा दिन-रात संयुक्त गश्त, पैदल मार्च, ड्रोन से निगरानी और संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग की जा रही है।
क्षेत्राधिकारी नौतनवां जयप्रकाश त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी निचलौल और अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्रों सोनौली, बरगदवां, ठूठीबारी, परसा मलिक, नौतनवां आदि में लगातार भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है।
एसएसबी की 22 वीं व 66 वीं वाहिनी के अधिकारियों, असिस्टेंट कमांडेंट ओ सुबीर घोष समेत पुलिस बल के साथ मिलकर सीमावर्ती गांवों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है कि वे अपने आस-पास हो रही गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या सुरक्षा बल को दें। खुली सीमा की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है। थाना बरगदवां, सोनौली, ठूठीबारी, परसामलिक आदि के अंतर्गत आने वाले बॉर्डर पोस्ट पर वाहनों की सघन जांच की जा रही है। नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों की पहचान पत्रों की जांच की जा रही है, ताकि अवैध आवागमन या किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके। इसके साथ ही ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी बॉर्डर पर निगरानी रखी जा रही है, जिससे किसी भी संदिग्ध हरकत पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें ग्राम प्रधान, चौकीदार एवं सम्मानित नागरिकों से सहयोग लिया जा रहा है। पुलिस आमजन से यह अपील कर रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा एजेंसियों को हर संभव सहयोग प्रदान करें। सीमावर्ती इलाकों में तस्करी, मानव तस्करी और अवैध हथियारों की आवाजाही जैसी गतिविधियों पर पहले से ही पुलिस की पैनी नजर थी, लेकिन अब जम्मू की घटना के बाद इसमें और अधिक तीव्रता लाई गई है।भारत- नेपाल सीमा की 84 किलोमीटर लंबी खुली सीमा को सुरक्षित रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को किसी प्रकार की चुनौती न मिल सके।
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