June 30, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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जय पराजय की चिंता किए बिना प्रतिभाग करना ही जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए: प्रो. पूनम टंडन

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के सेंट्रल जोन डेलीगेसी द्वारा हीरक जयंती समारोह के तहत सर्जना 2025 का आयोजन किया गया । इस आयोजन में 19 विभिन्न प्रतियोगिताओं में 2800 से अधिक प्रतिभागीयों ने प्रतिभाग किया था। जिनमें से लगभग 60 विजयी प्रतियोगिताओं को गुरुवार को समापन समारोह में पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरण किया गया।
संवाद भवन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्विद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को निरंतर अपने व्यक्तित्व के परिमार्जन में उद्यत रहने के लिए कहा। वर्तमान का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने विश्विद्यालय में चल रहे हीरक जयंती समारोह के महत्व को भी रेखांकित किया। डेलीगेसी द्वारा बड़ी संख्या में प्रतिभाग करने के लिए उन्होंने बड़ी शाबाशी दी और टीम डेलीगेसी को इस भव्य कार्यक्रम के लिए बधाई दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. शिव शरण दास ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारा व्यक्तित्व ईश्वर के द्वारा रचा गया है। हमें सभी प्रकार के यत्नों के साथ इसका निरंतर विकास करना चाहिए। पठन पाठन के अलावा शिक्षणेत्तर गतिविधियां आपकी अन्दर की कला को निखारती है। समय का सदुपयोग करना ही असल चुनौती है और आप सभी इस चुनौती को भली भांति पार करेंगे।
विशिष्ट अतिथि प्रो. राजवंत राव ने भी सभा को संबोधित किया और कहा कि वर्तमान समय का सबसे बड़ा मूल्य है सक्रियता। आप अपने को ज्ञान साधना के मार्ग में निरंतर सक्रिय रखें ऐसे हमारी आकांक्षा है।
हीरक जयंती समारोह की संयोजिका प्रो. नंदिता सिंह ने भी बच्चों को संबोधित किया। आगत अतिथियों का स्वागत उपाध्यक्ष प्रो शिखा सिंह जी ने किया और कार्यक्रम का सुंदर संयोजन एवं संचालन डा आमोद कुमार राय ने किया।
आयोजित कार्यक्रम में लगभग 60 विजई प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया ।