प्रयागराज (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक जाहिद बेग के घर में दूसरी नाबालिग नौकरानी मिलने के मामले में उनके परिवार की ओर से दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को पक्ष रखने के लिए निर्देश दिए। अगली सुनवाई 22 सितंबर को तय की गई है।
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इस मामले में विधायक जाहिद बेग की पत्नी सीमा बेग पर आरोप है कि उन्होंने बंधुआ मजदूरी कराई और मानव तस्करी में संलिप्त रही। भदोही के श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया था। आरोपों के आधार पर प्रशासन ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, जिसके खिलाफ सीमा बेग ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कार्रवाई रद्द करने की मांग की है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए सभी पक्षों से आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मामले की संवेदनशीलता और नाबालिगों के शामिल होने के कारण न्यायालय ने विशेष ध्यान देने की बात कही। राज्य सरकार की ओर से पेश होने वाले वकील मामले के सभी पहलुओं को कोर्ट के समक्ष रखेंगें।
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इससे पहले भी यह मामला सुर्खियों में रहा था क्योंकि स्थानीय प्रशासन और श्रम विभाग ने बताया था कि नौकरानी के शोषण की जानकारी मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई। उच्च न्यायालय के फैसले का असर न केवल आरोपित परिवार पर बल्कि नाबालिगों के संरक्षण और श्रम कानूनों के क्रियान्वयन पर भी देखा जाएगा।
उच्च न्यायालय की अगली सुनवाई में सभी पक्षों के बहस के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।