Friday, November 14, 2025
Homeउत्तर प्रदेशमेरी रचना, मेरी कविता

मेरी रचना, मेरी कविता

शिव आराधना
——XXXXX——

शिव ॐ कार, शिव चंद्रभाल,
शिव महादेव, शिव व्याघ्र छाल,
शिव महाकाल, शिव नील कंठ,
शिव त्रिशूलधर, शिव भो कराल।

स्वरूप सुंदर सत्य शिवॐ का,
जटा जूट सी घटा सुव्योम की,
किरीट शीश सोम चन्द्रभाल का,
बहती रहे सुधारधार श्रीगंग की।

त्रिनेत्र नेत्र तीसरा ललाटभाल,
प्रदीप्त अग्नि दग्ध सी शिखा।
गले भुजंग माल शेषनाग की,
फुफकार मार गले झुलते दिखा।

अक्षमाल नरमुण्डमाल साथ में,
त्रिशूल हस्त डमरु एक हाथ में।
विशुद्ध रुद्र रूप आप, शंख साथ में,
गौरी गणेश कार्तिकेय शंभु साथ में।

सुरेश महेश भवेश भष्म अंग में,
कर तांडव लपेट व्याघ्र चर्म में।
निहार काल कामदेव भी डरा,
अकाल काल शम्भु भयंकरा।

नाममि ईश ईशान नाथ, हो सनाथ,
सोमनाथ, ॐकार नाथ, अमरनाथ,
केदार नाथ, भोले हो आप भोलेनाथ,
महाकाल, हो भुआल, हे तुंगनाथ।

नाममि ईश ईशान नाथ, हो सनाथ,
सोमनाथ, ॐकार नाथ, अमरनाथ,
केदार नाथ, भोले हो आप भोलेनाथ,
महाकाल, हो भुआल, हे तुंगनाथ।

गवेंद्राधिरूढ़ शिव भूषिताँग,
दिव्यंबराय शिव मन्दारमाल।
नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्य,
जय ओंकारनाथ हे भुजविशाल।

प्रातःस्मरामि भवभीत हर हर सुरेश,
षटवांगशूल भवभयहर, हे अंबिकेश,
विश्वविज़ित मनोभिराम, सर्वलोकेश,
संसाररोग हर अद्वितीय औषध महेश।

निराकार ॐकार निशीथ नाथ,
गिरीश धतूर भंग संग कैलाशनाथ,
कलातीत कल्याण कल्पांत नाथ,
आदित्य आदि अन्त आदित्य नाथ।

कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
लखनऊ

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments