कविताधर्मिता माँ सरस्वती ने दी है

विद्यार्थी जीवन की यह शिक्षा विद्वान
शिक्षकों की आज याद दिलाती है,
अगर कोई एक पुस्तक लिख लेता है,
तो उसे पुत्ररत्न जैसी प्राप्ति होती है।

कितना सत्य कथन वह अब लगता है,
जब मैने एक पुस्तक लिख डाली है,
पुत्र पुत्री रत्न दिए हैं ईश्वर ने स्वयं,
कविताधर्मिता माँ सरस्वती ने दी है।

अपनों परायों का जीवन शत वर्ष
या उसके आस पास होता होगा,
कविता रूपी पुस्तक-पुत्र प्रकृति
के अंत तक जग में व्याप्त रहेगा।

आप सरस्वती कृपा के वरद हस्त हो,
कविता कृति पटुता में सिद्धहस्त हो,
अंबर पर जब तक सूरज चाँद रहेगा,
आदित्य कविताओं का नाम रहेगा।

यह सब लिखकर एक सुधी मित्र ने
कविता लिखने के लिये प्रशंसा की,
अमृतपान समान कविता जीवन भर
सारे जग को निरंतर प्रोत्साहन देगी।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

rkpnews@desk

Recent Posts

कम्प्यूटर सेंटर की आड़ में चल रहा था स्पा और सेक्स का कॉकटेल, 12 गिरफ्तार

मेरठ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने गढ़ रोड स्थित सम्राट…

3 hours ago

तेंदुए के हमले में 4 वर्षीय बच्ची की मौत, गांव में दहशत

प्रतीकात्मक पौड़ी (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तराखंड के पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल क्षेत्र में एक दिल…

3 hours ago

सुबह 5 से 8 बजे तक चला देवरिया पुलिस का मॉर्निंग वॉकर चेकिंग अभियान

देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा)पुलिस अधीक्षक देवरिया विक्रान्त वीर के निर्देशन में रविवार की सुबह 5…

5 hours ago

दुष्कर्म पीड़िता को जानते थे आरोपी, पिता की तहरीर पर दोनों गिरफ्तार

हरदोई (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया…

5 hours ago

सुबह 5 से 8 बजे तक चला देवरिया पुलिस का मॉर्निंग वॉकर चेकिंग अभियान

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। पुलिस अधीक्षक देवरिया विक्रान्त वीर के निर्देशन में रविवार की सुबह…

5 hours ago

भोजपुर में हथियारों का जखीरा बरामद, दो गिरफ्तार

आरा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार पुलिस ने शनिवार को भोजपुर जिले के शाहपुर इलाके…

5 hours ago