
ईश्वर से प्रेम व उसका आशीर्वाद
बहुत बड़ी अद्भुत दौलत होते हैं,
ये जिसको मिलते हैं वही सबसे
अधिक अमीर और भाग्यशाली है।
ईश्वर की प्रेरणा से प्रेरणा मिलती है,
जिसके हृदय में ईश्वर का निवास है,
उससे अधिक सुखी और कोई नहीं है,
यही संकल्प जीवन सुखी करता है।
सुंदरता के लिए सुंदरतम लिखा जाता है,
सत्यम शिवम् सुंदरम, सुंदर कहा जाता है,
कोई सुंदर सुषमा जैसी सरल सौम्या हो,
किसी मन के कोने की एक प्रतिमा हो।
मन के किसी कोने में कसक की एक
कसक तो क़सम से कसमकस होगी,
कैसे कहूँ कि कौन है उस कोने में
जिस की कसक तो क़सम से होगी।
कविता में एक कामिनी की कहानी है,
कवि ने कामिनी को कह कर सुनायी है,
सुनकर कहानी कामिनी कुनमुनानी है,
इठलाकर कामिनी कण कण रिझानी है।
जीवन में जीने का सही मज़ा चाहिए,
तो ज़्यादा ख्वाहिशें रुखसत करिये,
सरल राह से जीने की ख्वाहिश कर,
इंसान हो तो इंसान ही बनकर रहिये।
•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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