नब्बे प्रतिशत वाला प्रतियोगिता
पास कर बाबू जी ही बन पाता है,
उससे कम प्रतिशत वाला अधिकारी
बनकर बाबुओं पर हुक्म चलाता है।
मस्ती से पास होने वाला राजनीति में
मंत्री बन अधिकारी पर हुक्म चलाये,
फेल परीक्षा में होकर माफिया डॉन
बन नेता मंत्री को भी पाठ पढ़ाये।
कभी नहीं स्कूल गया जो साधू संत
बन हम सबका भविष्य बतालाता है,
जेल गया नेता विधायक व साँसद
देश में मंत्री, मुख्य मंत्री बन जाता है।
वहीं देश का युवा वर्ग बिना किसी
गलती के जेल चला जाये तो वह
आजीवन सरकारी सेवा के लिए
अयोग्य होकर वंचित हो जाता है।
चाय बेचने वाले भारतीय राजनीति
में आकर लोकप्रिय नेता बन जाते हैं,
जिसने बारहवीं भी पास न किया हो,
वे भारत के शिक्षा मंत्री बन जाते हैं।
सरकारी क़र्मचारी तो सेवानिवृत्ति पर
पेंशन पाने के हक़दार नहीं पर भारत
के विधायक, सांसद, मंत्री आजीवन
दो दो पेंशन के अधिकारी हो जाते हैं।
सब सम्भव भारत में आरक्षण पाकर
गरीब और दलित कहाँ उठ पाता है
आदित्य आज गरीब तो और गरीब
व अमीर अधिक अमीर हो जाता है।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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