
नई दिल्ली।(RKpnews desk) भारत की कूटनीति इन दिनों तीन अलग-अलग मोर्चों पर सक्रिय है और इसका केंद्र है चीन। पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव के बाद भारत ने चीन के प्रति अपनी रणनीति और सख्त कर दी है। एक ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में भाग लेकर सीधे चीनी नेतृत्व से वार्ता कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ में होने वाले SCO रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने वाले हैं। इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका में क्वॉड (QUAD) देशों की बैठक में हिस्सा लेकर चीन को वैश्विक स्तर पर घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
डोभाल की स्पष्ट चेतावनी: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
बीजिंग में आयोजित SCO की सुरक्षा बैठक के दौरान एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद से मुकाबले की जरूरत पर बल दिया। डोभाल का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान स्थित कई आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। भारत का यह संदेश स्पष्ट है कि वह सीमा पार आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा, और चीन को भी अपने सहयोगी पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा। डोभाल और वांग यी के बीच भारत-चीन संबंधों को सुधारने और पूर्वी लद्दाख गतिरोध के समाधान पर भी चर्चा हुई।
राजनाथ सिंह का एजेंडा: आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय एकजुटता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को चीन के किंगदाओ में शुरू हो रहे SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। यह यात्रा मई 2020 में लद्दाख में एलएसी पर हुए सैन्य गतिरोध के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली चीन यात्रा है। राजनाथ सिंह का उद्देश्य SCO देशों को आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के लिए प्रेरित करना है। मंत्रालय के मुताबिक, वह SCO के बुनियादी सिद्धांतों जैसे संप्रभुता, आपसी सम्मान और गैर-हस्तक्षेप को दोहराते हुए क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की अपील करेंगे।
अमेरिका में जयशंकर: क्वॉड के जरिये चीन पर वैश्विक दबाव
इस रणनीतिक त्रिकोण का तीसरा कोण है विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो 1 जुलाई को अमेरिका में होने वाली क्वॉड देशों की बैठक में हिस्सा लेंगे। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री इस बैठक में चीन की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामकता, दक्षिण चीन सागर में उसकी नीतियों और ताइवान को लेकर उसके रवैये पर चर्चा करेंगे। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी वर्ष भारत में क्वॉड का शिखर सम्मेलन भी प्रस्तावित है।
चीन पर बहुस्तरीय दबाव
भारत की यह त्रिस्तरीय कूटनीतिक पहल एक स्पष्ट संकेत है कि वह चीन के साथ रिश्तों को सामान्य करना तो चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। डोभाल, राजनाथ और जयशंकर तीनों ही स्तरों पर एक समन्वित रणनीति के तहत चीन को संदेश दे रहे हैं — बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन आतंकवाद और क्षेत्रीय अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
More Stories
देवरिया के रुद्रपुर में प्राइवेट स्कूल प्रबंधक की गला काटकर हत्या, स्कूल कैंपस में मचा हड़कंप
जी.एच. भक्त हाईस्कूल में कन्या शिक्षा और स्कूल प्रवेशोत्सव का आयोजन
लोक निर्माण विभाग (PWD) देवरिया में ₹2.5 करोड़ के फर्जी भुगतान की कोशिश, उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रम की आड़ में घोटाले की साजिश!